कोविड महामारी की तीसरी लहर से निपटने के लिए हिमाचल तैयार
काेराेना की तीसरी लहर आने की स्थिति से निपटने के लिए हिमाचल प्रदेश पूरी तरह से तैयार है। स्वास्थ्य विभाग के एक प्रवक्ता ने बताया कि कोविड राज्य सरकार महामारी की संभावित तीसरी लहर के दृष्टिगत बच्चों की सुरक्षा और बच्चों के कोविड मामलों के लिए व्यवस्था करने को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि बच्चों की चिकित्सा सुविधा की व्यवस्था के लिए पिछले मई महीने ही ज़िलों और मेडिकल काॅलेजों को पहले ही प्रोटोकाॅल भेजा जा चुका है। इस महामारी के दौरान बच्चों की देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करने के दृष्टिगत स्वास्थ्य विभाग प्रभावी कदम उठा रहा है। प्रवक्ता ने बताया कि यह सुनिश्चित किया जा रहा है, कि एसएनसीयू, पीडियाट्रिक एचडीयू, एनआईसीयू, पीआईसीयू को प्राथमिकता के आधार पर कार्यशील किया जाए। सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारियों, मेडिकल काॅलेजों के प्रधानाचार्यो और जिला अस्पतालों, नागरिक अस्पतालों और मेडिकल काॅलेजों के चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देश दिए गए है कि वे समर्पित कोविड अस्पतालों में उपलब्ध सुविधाओं में वृद्धि करके या उपलब्ध सुविधाओं में बिस्तरों को चिह्नित कर बाल चिकित्सा वार्ड और नवजात इकाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। इन बिस्तरों को केंद्रीय ऑक्सीजन आपूर्ति भी सुनिश्चित की जाए। वर्तमान में प्रदेश में 16 स्वास्थ्य संस्थानों में 224 एसएनसीयू बिस्तर उपलब्ध हैं। इसके अलावा, डीडीयू शिमला, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नालागढ़ और जिला कांगड़ा के नागरिक अस्पताल नूरपुर व जोनल अस्पताल धर्मशाला में चार नवजात स्थिरीकरण (स्टेबलाइजेशन) इकाईयों को जल्द ही बीमार नवजात देखभाल इकाईयों के रूप में स्तरोन्नत किया जाएगा। राज्य में सात बाल रोग उच्च निर्भरता इकाइयां (पीडियाट्रिक हाई डिपेन्डेन्सी यूनिट) भी हैं, जिनमें 34 बिस्तर उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि सभी स्तरों पर नवजात और बाल रोगियों के लिए एक उपयुक्त आपातकालीन जांच क्षेत्र और उपचार सेवाएं सृजित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि उपचार से संबंधित सभी आवश्यक सुविधाएं जैसे उपचार में उपयोग होने वाली वस्तुएं, ऑक्सीजन स्पोर्ट, रेफरल स्पोर्ट, टेलीमेडिसिन सुविधा आदि सुनिश्चित की जा रही हैं। बाल रोग विशेषज्ञों, चिकित्सा अधिकारियों, बाल चिकित्सा देखभाल के लिए तैनात की जाने वाली नर्सों आदि के लिए भी अस्पताल प्रभारी द्वारा योजना तैयार की जाएगी। विभाग ने एसएनसीयू में सभी अक्रियाशील उपकरणों को जल्द से जल्द क्रियाशील करने के भी निर्देश दिए हैं।
कोविड प्रभावित लोगों के लिए मनो-सामाजिक सहायता हेल्पलाइन
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो-साइंस (एनआइएमएचएएनएस) बंगलुरु के सहयोग से 24 घंटे चलने वाली मनो-सामाजिक (साइकोसोशल) स्पोर्ट हेल्पलाइन (80-46110007) की स्थापना की है। इस हेल्पलाइन के माध्यम से 19 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के मानसिक स्वास्थ्य पेशेवर अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। विभाग ने सभी उपायुक्तों और मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से आग्रह किया है कि वे नेशनल इंस्टीट्यूट आफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंसेज बंगलुरु के नंबर 80-46110007 का प्रचार-प्रसार करें। यह मानसिक हेल्पलाइन कोविड मरीजों, उनके परिवारों और आम लोगों को भी मानसिक और मनो-सामाजिक सहायता प्रदान करने में सहयोग करेगी।
तनाव व परेशानी का कम करने में मिलेगी सहायता
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और तनाव व परेशानी को कम करने के लिए, सलाह व दिशा-निर्देश देने वाले ऑडियो-वीडियो और शिक्षाप्रद प्रचार-प्रसार सामग्री तैयार की गई है। एनएचएम के निदेशक डा. निपुण जिंदल ने बताया कि यह वैश्विक महामारी न केवल एक गंभीर चिकित्सा चिंता का विषय है, बल्कि यह लोगों में कई मानसिक स्वास्थ्य और मनो-सामाजिक परेशानियों को भी लेकर आई है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर लोग अनेक प्रकार के भावनात्मक और व्यवहारिक मुद्दों के साथ-साथ तनाव, चिंता और भय का भी सामना कर रहे हैं। उन्होंने आग्रह किया है कि किसी भी मनो-सामाजिक सहायता की आवश्यकता होने पर, जरूरतमंद लोगों को हेल्पलाइन-104 या मनो-सामाजिक हेल्पलाइन की सहायता प्राप्त करनी चाहिए।