हिमाचल: कांग्रेस सरकार के दो साल का समारोह होने के बाद बदलेगी अफसरशाही
सुक्खू सरकार का दो साल का कार्यकाल पूरा होने के थोड़े ही दिन बाद हिमाचल प्रदेश में अफसरशाही की बागडोर भी बदल जाएगी। मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना मार्च 2025 में सेवानिवृत्त होंगे। हालांकि उससे पहले उनकी रेरा अध्यक्ष पद पर नियुक्ति हो सकती है तो वह सेवानिवृत्ति के निर्धारित समय से पहले भी यह नियुक्ति पा सकते हैं। यानी वह जनवरी में इस पद पर नियुक्त किए जा सकते हैं। मुख्य सचिव के पद के लिए तीन वरिष्ठ अधिकारियों में संजय गुप्ता, केके पंत और ओंकार शर्मा के नाम चर्चा में हैं। इस संबंध में मुख्यमंत्री को ही फैसला लेना है कि वह किसे प्रदेश की अफसरशाही की कमान दे सकते हैं।अफरशाही की बागडोर बदलेगी तो निचले स्तर तक भी स्वाभाविक रूप से बदलाव होंगे। या तो नए मुख्य सचिव जनवरी में ही नियुक्त हो जाएंगे या फिर मार्च के बाद तो स्वाभाविक रूप से नियुक्ति होनी ही है। रेरा यानी रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथाॅरिटी के वर्तमान में डॉ. श्रीकांत बाल्दी अध्यक्ष हैं। डॉ. बाल्दी पूर्व में हिमाचल प्रदेश के मुख्य सचिव भी रह चुके हैं। वह भी मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्ति लेकर रेरा के अध्यक्ष बने थे। डॉ. बाल्दी दिसंबर के अंत में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। ठीक इसी तरह से सक्सेना भी बनाए जा सकते हैं।
वर्तमान मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना को सीएम के पसंदीदा अधिकारी होने के चलते उन्हें रेरा की बागडोर दी जा सकती है। हालांकि इसकी एक अलग प्रक्रिया है, जिसके लिए आवेदन मांगे जाएंगे तो कई अन्य अधिकारी भी आवेदन कर सकते हैं। वरिष्ठता में 1988 बैच के आईएएस अफसर संजय गुप्ता तो प्रबोध सक्सेना से भी आगे हैं। उन्हें प्रधान सलाहकार की नियुक्ति दी गई और वह वर्तमान में बिजली बोर्ड के अध्यक्ष और रोपवे कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक भी हैं। प्रबोध सक्सेना के बाद वरिष्ठता में केके पंत आते हैं। पंत 1993 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, जबकि सक्सेना का बैच 1990 का है। कुछ अन्य अधिकारी भी सक्सेना से वरिष्ठ हैं, मगर उन्हें केंद्र या राज्य में अलग-अलग तरह की महत्वपूर्ण जिम्मेवारियां दी गई है। पंत हाल ही में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौटे हैं। पंत के बाद वरिष्ठता में अनुराधा ठाकुर आती हैं, जो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं। वह 1994 बैच की हैं। इसी बैच में ओंकार शर्मा उनके बाद आते हैं।