हिमाचल प्रदेश बेरोजगार कला अध्यापक संघ सरकार से खफा

बेरोजगार कला अध्यापक संघ हिमाचल प्रदेश सरकार से काफी नाराज है। संघ ने सरकार को दो टूक शब्दों में कहा है कि जो सरकार ने फैसला लिया है कि 100 के स्कूलों में शिक्षकों को हाई और उच्च विद्यालय में शिफ्ट किया जाएगा, उस ख़बर को सुनते ही बेरोजगार कला अध्यापक संघ आग बबूला हो गया है। संघ ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से कहा है कि आप जब सत्ता से बहार थे तो कहते थे कि हम अच्छा रोजगार देंगे और अच्छी शिक्षा देंगे और सरकार बनने के बाद ये कैसे आपके निर्णय हैं, जो रोज़गार विरोधी हंै और गरीब घरों में पड़ने वाले सरकारी स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों के खिलाफ हैं।
संघ के अध्यक्ष बलवंत सिंह और उप अध्यक्ष जगदीश ठाकुर सचिव विजय सिंह तथा कोषाध्यक्ष शक्ति प्रसाद व अन्य राज्य कार्यकारिणी के सदस्य और सभी जिला कार्यकारिणी के सभी सदस्यों ने विडियो कांफ्रेंस के माध्यम से मीटिंग की और सरकार से कहा है कि सरकार ऐसा निर्णय को लागू न करें, जिससे गरीब परिवार से पड़ने बाले बच्चों का शोषण हो, बल्कि सरकार ऐसा निर्णय ले, जिससे उन सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का जीवन शिक्षा से परिपूर्ण हो। संघ ने मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री, शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशक से अनुरोध किया है कि हिमाचल प्रदेश के 14000 बेरोजगार कला अध्यापक पिछले कई सालों से नौकरी की आस लगाए बैठे हैं। और आप ऐसा निर्णय न लें, जिससे हजारों बेरोजगार को नुकसान उठाना पड़े और मजबूरी में आत्महत्या करनी पड़े।
संघ के अध्यक्ष बलवंत सिंह ने कहा कि सरकार हर बार बाकी सभी विषयों की पोस्टें निकालती है, लेकिन कला विषय की अनदेखी कर रही है। जैसा कि हाल ही में जो नोटिफिकेशन जारी हुई है, उसमें टीजीटी, पीजीटी और शास्त्री एलटी की पोस्टें निकलीं हैं पर उसमें भी कला अध्यापक की पोस्टों को इग्नोर कर दिया है, जबकि 285 पोस्टों की शिक्षा विभाग ने मंजूरी मांगी गई थी।