सहायक ड्रग कंट्रोलर निशांत सरीन के ठिकानों पर ED की छापेमारी, फार्मा कंपनियों से अनुचित लाभ लेने का आरोप

कांगड़ा: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने हिमाचल प्रदेश में बड़े पैमाने पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत कार्रवाई की है। रविवार सुबह, ED ने कांगड़ा में तैनात सहायक ड्रग नियंत्रक निशांत सरीन, उनके परिवार के सदस्यों और कुछ अन्य संदिग्धों के ठिकानों पर छापे मारे। यह कार्रवाई बिलासपुर, चंडीगढ़ और पंचकूला सहित पांच आवासीय और वाणिज्यिक परिसरों में सुबह 4 बजे से शुरू हुई। ED की टीम ने तलाशी के दौरान कई महत्वपूर्ण दस्तावेज खंगाले और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण व बैंक खातों से संबंधित विस्तृत जानकारी अपने कब्जे में ली है। निशांत सरीन पर सोलन जिले के बद्दी में अपनी पिछली तैनाती के दौरान दवा कंपनियों से रिश्वत लेने के गंभीर आरोप हैं। इन्हीं आरोपों के आधार पर ED ने पिछले साल सरीन के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया था। सूत्रों के अनुसार, ED ने निशांत सरीन के अलावा उनके ससुर रमेश कुमार गुप्ता और सरीन की कथित सहयोगी डॉ. कोमल खन्ना के ठिकानों पर भी तलाशी ली है। बताया जा रहा है कि इस बड़ी रेड की तैयारी पिछले एक हफ्ते से चल रही थी। ED को संदेह है कि निशांत सरीन ने अपने पद का दुरुपयोग कर फार्मा कंपनियों से अनुचित लाभ प्राप्त किया। कोमल खन्ना को भी इस मामले में संदिग्ध माना जा रहा है, और रमेश कुमार गुप्ता का नाम भी जांच के दायरे में आया है।
यह जांच हिमाचल प्रदेश पुलिस की राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (SV&ACB) द्वारा अगस्त 2019 में दर्ज की गई एक FIR पर आधारित है। हिमाचल पुलिस की जांच में भी सरीन पर बद्दी स्थित फार्मास्युटिकल कंपनियों से रिश्वत लेने के आरोप लगे थे। सरीन को सितंबर 2019 में गिरफ्तार किया गया था और उनके साथ कोमल खन्ना के खिलाफ भी चार्जशीट दाखिल की गई थी। अक्टूबर 2019 में जमानत मिलने के बाद, निशांत सरीन को 2024 में सहायक ड्रग नियंत्रक, कांगड़ा के पद पर पदस्थापित किया गया था। सतर्कता विभाग ने भी सरीन के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में अभियोजन की मंजूरी मांगी थी, जिसमें आरोप था कि उन्होंने बद्दी के फार्मा हब में तैनाती के दौरान नियमों का उल्लंघन कर दवा कंपनियों को फायदा पहुंचाया।