नीट परीक्षा रद्द मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, परीक्षा फिर से कराने की उठ रही मांग

देश की सबसे बड़ी मेडिकल प्रवेश परीक्षा में अनियमितता के आरोपों को लेकर शुरू हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। नीट परीक्षा आयोजित होने के समय से ही विवादों के घेरे में आ गई थी। मामले ने तूल तब पकड़ा जब रिजल्ट जारी हुआ। देशभर से छात्रों, राजनेताओं द्वारा रिजल्ट में अनियमितता के आरोप लगाए जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट में नीट यूजी को रद्द करने और फिर से आयोजित कराने की गुहार के साथ एक याचिका दायर की गई थी। यह याचिका डॉ. विवेक पाण्डेय के साथ-साथ शिवांगी मिश्रा और अन्य छात्रों द्वारा दायर की गई है। इसमें कहा गया है कि बिहार पुलिस द्वारा नीट परीक्षा के पेपर लीक के आरोपों की जांच पहले से ही की जा रही है। नीट परीक्षा के खिलाफ दाखिल इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई की जाएगी। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीशों न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति एहसानुद्दीन अमानुल्लाह की वेकेशन बेंच द्वारा इस याचिका पर सुनवाई की जानी है।
वहीं, दूसरी और अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्क्स देने के एनटीए के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में एक रिट याचिका भी दायर की गई थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि रिजल्ट में ग्रेस मार्क्स देना एनटीए का मनमाना फैसला है। संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका आंध्र प्रदेश के NEET UG आवेदक जरीपते कार्तिक द्वारा दायर की गई है। नीट यूजी परीक्षा का आयोजन 5 मई को देशभर के 571 और विदेश के 14 शहरों में किया गया था। वहीं, इस परीक्षा का रिजल्ट निर्धारित समय से 10 दिन पहले यानी 14 जून की जगह 4 जून को जारी किया गया। इस वर्ष नीट यूजी में रिकॉर्ड 67 उम्मीदवारों ने AIR-1 हासिल की है, जिसमें से 6 उम्मीदवार हरियाणा के एक ही केंद्र से हैं। वहीं, कुछ छात्रों ने 720 में से 718 और 719 अंक हासिल किए है, जिसे परीक्षा की प्रकृति को देखते हुए असंभव बताया जा रहा है। ऐसे में नीट यूजी को लेकर तरह तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। नीट यूजी के खिलाफ दर्ज याचिका पर आज सुनवाई होनी है, ऐसे में आज सबकी नजरें सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पर होंगी।