MC शिमला मेयर कार्यकाल बढ़ाने का मामला पंहुचा हाईकोर्ट, 11 नवंबर को अगली सुनवाई
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने शिमला नगर निगम मेयर के कार्यकाल बढ़ाने से जुड़े मामले को लेकर नोटिस जारी किया है। अदालत ने राज्य सरकार, निर्वाचन आयोग व मेयर से जवाब तलब किया है। मामले में अगली सुनवाई 11 नवंबर को होगी। राज्य सरकार के मेयर के कार्यकाल को ढाई से पांच साल बढ़ाने वाले फैसले पर एडवोकेट अंजलि सोनी वर्मा ने चुनौती देते हुए जनहित याचिका दायर की है। याचिका में कहा गया है कि राज्य सरकार ने अध्यादेश लाकर शिमला नगर निगम मेयर के कार्यकाल को बढ़ाया है और ये हिमाचल प्रदेश नगर निगम अधिनियम के सेक्शन 36 के खिलाफ है।
याचिका में दिए गए तर्क के अनुसार, राज्य सरकार का यह निर्णय रोस्टर के खिलाफ हैं। रोस्टर कहता है कि ढाई साल के बाद मेयर का पद महिला पार्षद के लिए आरक्षित होगा। ऐसे में राज्य सरकार का फैसला निगम में चुनकर आई 21 महिला पार्षदों के अधिकारों का हनन करता हैं। भाजपा के साथ ही कुछ कांग्रेस पार्टी पार्षदों ने इस निर्णय का विरोध किया था। पार्षदों का कहना था कि रोस्टर के अनुसार, अब महिला पार्षद को मेयर बनना चाहिए था, लेकिन सरकार ने इस नियम की अनदेखी की हैं। सीएम सुक्खू ने भी पार्षदों को सरकार के फैसले को जानकारी देते हुए सहमति बनाने की सलाह दी थी, लेकिन विवाद थम नहीं रहा हैं।
