ऐतिहासिक स्थल भीमगोडा को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा :रमेश धवाला
हिमाचल प्रदेश राज्य योजना बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं ज्वालामुखी के विधायक रमेश धवाला ने ज्वालामुखी में पत्रकारों को बताया कि ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र के चंगर इलाके के ऐतिहासिक स्थल भीमगोडा को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा जिसके लिए जिलाधीश कांगड़ा राकेश प्रजापति से इस ऐतिहासिक स्थल के विकास के लिए धनराशि स्वीकृत करवाई जाएगी उन्होंने बताया कि और भी संसाधनों से इस क्षेत्र का विकास कराया जाएगा ताकि यहां की महत्ता बढ़ सके और यहां पर आने वाले लोगों को यहां पर मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध हो सके रमेश धवाला ने बताया कि यहां पर एक दंतकथा के अनुसार महाबली भीम की लाठी (एक लकड़ी) खड्ड के पानी में आज भी दिखाई देती है जो सदियों से यहां पानी में पड़ी है ना गलती है न सड़ती है ना कहीं बहती है भारी भरकम इस लकड़ी के टुकड़े को देखने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं और अपनी मान्यता अनुसार यहां पर स्नान करते हैं यहां पर बैसाखी वाले दिन और अन्य कई धार्मिक पर्व स्नान वाले दिनों में भक्तों की काफी संख्या में भीड़ होती है यहां पर मेला भी लगता है और लोग इस पावन तीर्थ स्थल को छोटा हरिद्वार और छोटी काशी के नाम से भी पुकारते हैं यहां पर नहाने से कई पापों का नाश होता है और पुण्य फल प्राप्त होता है यहां कई तीर्थस्थलों के पानी का संगम कहा जाता है।इस ऐतिहासिक स्थल को विकसित करने के लिए क्षेत्र की कई पंचायतों के जनप्रतिनिधियों ने भी उनसे मांग की है और वे इस क्षेत्र को विकसित करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और शीघ्र ही यहां पर विकास की दृष्टि से काम किया जाएगा यहां पर खड्ड के सभी किनारों पर चेक डैम जैसे बनाए जाएंगे ताकि पानी का बहाव ठीक किया जा सके यहां पर स्नान करने के लिए महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग-अलग घाट भी बनाए जा सकते हैं ताकि लोगों को सुविधा मिल सके और यहां पर 2 मूर्तियां हैं और भी अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां यहां पर लगाकर लोगों को आकर्षित किया जा सकता है यहां पर छोटी सी सराय और बैठने के लिए रेन शेल्टर आदि की भी व्यवस्था की जाएगी ताकि दूरदराज से आने वाले लोगों को यहां पर बैठने की व्यवस्था हो सके शौचालय की व्यवस्था की जाएगी।यहां पर लोग एक तरह से धार्मिक स्थल और पर्यटक स्थल दोनों को मानकर आएंगे। ताकि लोग यहां पर आकर अच्छा समय व्यतीत कर सकें इस मौके पर उनके साथ महात्मा रामनाथ जी ,राम स्वरूप शास्त्री,अनिल कुमार,विजय मेहता आदि भी मौजूद थे।
