चामुर्ति अश्व पालकों की आर्थिकी पर पड़ा कोरोना का असर, इस बार नहीं लगेगी प्रदर्शनी
रामपुर बुशहर। हिमाचल प्रदेश के रामपुर बुशहर में हर साल अंतराष्ट्रीय लवी मेले का आयोजन किया जाता है। इसस पहले लाहोल स्पीति की पीन वैली के घोड़ो की प्रदर्शनी लगाई जाती है। यह प्रदर्शनी हर साल 4 नवम्बर से 6 नवम्बर तक चलती है लेकिन इस बार यह प्रदर्शनी नहीं लगेगी।
बता दें कि पीन वैली से प्रदर्शनी के लिए लाए गए घोड़ों को प्रदर्शनी में कई ग्राहक इन्हें खरीदारी करने के लिए दुर-दुर से आते हैं लेकिन इस बार ग्राहकों के लिए यह पीन वैली के चामुर्ति घोड़े लेना चुनौती बनी हुई है। जानकारी देते हुए स्पीति के एक चामुर्ति घोड़ा पालक ने बताया कि उन्हें उतराखंड से ग्राहकों द्वारा फोन किया जा रहा है कि उन्हें घोड़ों की आवश्यकता है लकिन रामपुर में अश्वा प्रदर्शनी न होने के कारण वह इन घोड़ों को किस तरह से लेंगे जहां ग्राहकों के लिए यह चामुर्ति घोड़े लेना चुनौती बना हुआ है। वहीं कोरोना काल में चामुर्ति घोड़ा पालकों की आर्थिकी पर भी ग्रहण लग गया है। स्पीति के पीन वैली के रहने वाले चामुर्ति पालकों ने बताया कि वह साल भर इनकी अच्छी देख भाल करते हैं और उसके बाद रामपुर प्रदर्शनी के लिए लाते है। इससे इनकी अच्छी आमदानी हो जाती है जिससे वह अपने साल भर का घर का खर्च चलाते है। लेकिन कोरोना के चलते इस बार उनके व्यापार पर ग्रहण लग गया है।
बता दें कि चामुर्ति घोड़ा अपने आप में एक अलग पहचान रखता है। प्रदेश के लाहौल- स्पीति की पिन वैली तथा जिला किनौर के हंगरंग तहसील में चमुर्थी नस्ल के घोड़े पाए जाते हैं जो कि घोड़ों की एक मान्यता प्राप्त नस्ल है इस प्रजाति के घोड़े दूर-दराज़ तथा कठिन क्षेत्रों में सामान ढोने व अन्य कार्य के लिए उपयोग में लाए जाते है। लाहोल स्पीति जिले के लरी नमक स्थान पर विभाग द्वारा भी एक घोड़ा प्रजनन फार्म स्थापित किया है जहाँ पर चमुर्थी नस्ल के घोडों की प्रजाति को संरक्षित रखा जा सके। इस के अतिरिक्त विभाग रामपुर बुशहर में लवी मेले के दौरान एक अश्व प्रदर्शनी का आयोजन करता है ।
वहीं उतराखंड में चामुर्ति घोड़ों पर कई श्रद्धालु केदार नाथ व बदरी नाथ के दर्शन करने के लिए भी पहुँचते bहै। यह घोड़े हिमाचल के पिन वैली से ही यहां पर ले जाए जाते है।
वहीं पशुपालन विभाग रामपुर ज्युरी के वरिष्ठ डाक्टर राकेश ठाकुर ने बताया कि इस बार रामपुर के पाटबंगला में अश्व प्रदर्शनी नहीं लगाई जाएगी। कोरोना के कारण इस बार अश्व प्रदर्शनी को स्थगीत कर दिया गया है।