2 साल हो अनुबंध काल, 25 को बैठक में लगे मुहर

कर्मचारियों की मांगों पर चर्चा के लिए 25 सितंबर को प्रस्तावित जेसीसी बैठक से पहले प्रदेश के कर्मचारियों के बीच हलचल तेज हो गई है। अपनी मांगों को सरकार तक पहुंचाने और संबंधित विभागों तथा अन्य पक्षों से इन पर सहमति बनाने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। इसी कोशिश के तहत सर्व अनुबंध कर्मचारी महासंघ का एक प्रतिनिधिमंडल भी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिला। दरअसल सितम्बर माह के अंत में अधिकतर अनुबंध कर्मचारी तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा कर नियमित हो जाएंगे। अगर इस माह के खत्म होने से पहले पहले अनुबंध काल को नहीं घटाया गया तो सितंबर में नियमित होने वाले कर्मचारियों को इसका कोई लाभ नहीं मिलेगा। इसलिए अनुबंध काल को तुरंत घटाने की मांग ने तूल पकड़ लिया है, जिसके चलते अनुबंध कर्मचारी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिले। अनुबंध कर्मचारियों के इस प्रतिनिधिमंडल में कार्यकारी अध्यक्ष सुरेंद्र नड्डा, कार्यकारी महासचिव सुनील कुमार शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अजय पटियाल, वित्त सचिव अविनाश सैनी और हमीरपुर जिला अध्यक्ष मनु शर्मा शामिल थे।
कर्मचारी प्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि जेसीसी में अनुबंध अवधि को तीन से दो साल करने की घोषणा करें, क्योंकि इसके बाद सितंबर में अधिकांश कर्मचारी वैसे ही इस अवधि को पूरा कर रहे हैं। सीएम को यह भी कहा गया कि अगले साल चुनावी वर्ष में सरकार यदि इस घोषणा को करेगी, तो भी अधिकांश कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। इसके बाद सर्व अनुबंध कर्मचारी महासंघ का प्रतिनिधिमंडल अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष अश्वनी ठाकुर से भी मिला और उनसे आग्रह किया की इस मांग को वो प्राथमिकता से उठाएं। गौरतलब है कि जेसीसी के एजेंडे में यह मांग तीन नंबर पर है।
लगभग 19000 कर्मचारी अनुबंध पर
अनुबंध काल को 3 से दो वर्ष करने की मांग काफी समय से लंबित पड़ी है। लगभग हर विभाग का अनुबंध कर्मचारी अनुबंध काल को घटाने की मांग कर रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल ने अनुबंध कर्मचारियों से 2017 की एक चुनाव रैली में वादा किया था कि जैसे ही उनकी सरकार सत्ता में आएगी वे अनुबंध काल को 3 से घटा कर दो वर्ष कर देंगे। कर्मचारियों से किया ये वादा भाजपा के 2017 के चुनावी घोषणा पत्र में भी शामिल था। कर्मचारी इंतज़ार में है की जेसीसी की बैठक में सरकार अपना चुनावी वादा पूरा करेगी। हिमाचल प्रदेश सर्व अनुबंध कर्मचारी महासंघ पिछले साढ़े तीन वर्षों से अनुबंध काल को दो वर्ष करने की मांग उठा रहा है, महासंघ लगातार संघर्ष कर रहा है। इस समय प्रदेश में लगभग 19000 कर्मचारी अनुबंध आधार पर विभिन्न विभागों में कार्यरत हैं।
उम्मीद है सरकार राहत देगी : अरुण
हिमाचल प्रदेश सर्व अनुबंध कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अरुण भारद्वाज का कहना है कि अनुबंध पर नियुक्त कर्मचारियों की ये मांग पूरी तरह जायज़ है। अरुण भारद्वाज का कहना है कि सरकार द्वारा अनुबंध कर्मचारियों को हिमाचल के दूरदराज़ क्षेत्रों में नियुक्त किया जाता है। साथ ही इन्हें वेतन भी पर्याप्त नहीं दिया जाता और न ही सरकारी नौकरी के लाभ पूरी तरह मिलते है, इसलिए अनुबंध कार्यकाल को कम से कम किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है की इस बार जेसीसी की बैठक में कर्मचारियों की ये मांग पूरी की जाएगी। वे चाहते है कि इसी महीने जेसीसी हो जाए क्यों कि सितम्बर के बाद कई अनुबंध कर्मचारियों को इसका लाभ नहीं मिलेगा। यदि जेसीसी इस माह नहीं हुई तो जो कर्मचारी सितंबर में रेगुलर हो रहे है उन्हें लाभ देने से सरकार चूक जाएगी। इस सरकार के कार्यकाल में भर्तियां जून 2018 से शुरू हुई है जिनका अनुबंध कार्यकाल सितंबर में पूरा हो जाएगा। यहां खास बात तो यह है कि जिन कर्मचारियों से 2017 में वादा किया गया था वो कर्मचारी तो अपना 3 वर्ष का अनुबंध काल पूरा कर भी चुके है। उम्मीद है कि जो कर्मचारी शेष है उन्हें सरकार जल्द राहत देगी।