1 अगस्त से HRTC कर्मचारियों का ‘वर्क टू रूल’, सिर्फ 8 घंटे देंगे ड्यूटी; वेतन-भत्तों की मांग को लेकर तेज हुआ विरोध

हिमाचल पथ परिवहन निगम (HRTC) के कर्मचारी पहली अगस्त से ‘वर्क टू रूल’ के तहत केवल आठ घंटे की निर्धारित ड्यूटी करेंगे। यह फैसला शुक्रवार को सरकाघाट और शिमला सहित प्रदेश के विभिन्न बस अड्डों में आयोजित गेट मीटिंग्स के दौरान लिया गया। कर्मचारियों ने चेताया है कि यदि प्रबंधन ने समय रहते उनकी मांगों पर कार्रवाई नहीं की, तो बस सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो सकती हैं। ड्राइवर यूनियन के प्रदेश उपाध्यक्ष जीवन राणा ने कहा कि निगम के कर्मचारी बारिश, भूस्खलन और रेड-ऑरेंज अलर्ट जैसे हालातों में भी अपनी सेवाएं देते हैं, लेकिन इसके बावजूद उन्हें समय पर वेतन नहीं मिल रहा और ओवरटाइम का कोई भुगतान नहीं किया जा रहा। उन्होंने आरोप लगाया कि एचआरटीसी प्रबंधन और प्रदेश सरकार कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के प्रति उदासीन हैं।
2016 से एरियर और 2018 से डीए का नहीं हुआ भुगतान
शिमला के पुराने बस अड्डे पर भी शुक्रवार दोपहर बाद ड्राइवर यूनियन ने गेट मीटिंग कर प्रदर्शन किया। यूनियन का कहना है कि 2016 से एरियर और 2018 से महंगाई भत्ते (DA) का भुगतान लंबित है। प्रदर्शन के दौरान यूनियन के वरिष्ठ उपप्रधान रंजीत ठाकुर की अध्यक्षता में कर्मचारियों ने प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी की।
कंडक्टर यूनियन का भी समर्थन
उधर, राज्य एचआरटीसी कंडक्टर यूनियन की बैठक डीडीयू के पास एक निजी हॉल में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता प्रांतीय अध्यक्ष जीवन सिंह ने की। इसमें प्रांतीय प्रधान प्रीत महिंद्र, मुख्य सलाहकार यशवंत सिंह ठाकुर, महासचिव दीपेंद्र कंवर, संगठन मंत्री प्रमोद ठाकुर और अन्य पदाधिकारी मौजूद रहे। यूनियन ने स्पष्ट किया कि ड्राइवर यूनियन की ओर से चलाए जा रहे इस आंदोलन को पूरा समर्थन दिया जाएगा और कंडक्टर भी 1 अगस्त से सीमित कार्य अवधि के तहत ड्यूटी करेंगे।
गेट मीटिंग्स 30 जुलाई तक
HRTC यूनियन ने बताया कि प्रदेशभर में 30 जुलाई तक गेट मीटिंग्स का सिलसिला जारी रहेगा। यदि तब तक भी सरकार और प्रबंधन की ओर से कोई सकारात्मक कार्रवाई नहीं हुई, तो 1 अगस्त से पूरे प्रदेश में ‘वर्क टू रूल’ लागू कर दिया जाएगा, जिसके तहत कर्मचारी केवल निर्धारित आठ घंटे ही काम करेंगे।