जेबीटी प्रशिक्षुओं की दो टूक, सरकार दोगली नीति नहीं चलेगी

प्रदेश के जेबीटी प्रशिक्षु अब आर पार की लड़ाई मूड में है। हिमाचल हाईकोर्ट की ओर से जेबीटी भर्ती में बीएड डिग्री धारकों को भी पात्र बनाने के फैसले पर हिमचाल के जेबीटी प्रशिक्षु नाराज़ चल रहे है। इस मसले पर सरकार जेबीटी प्रशिक्षुओं के पक्ष में ज़रूर नज़र आई थी मगर अब मानों ये मसला सरकारी दफ्तरों में पड़ी फाइलों की तरह धुल खाने लगा है। फैसला आने के बाद प्रदेश सरकार ने दोबारा रिव्यू पेटिशन डालने की बात कही थी लेकिन अब जेबीटी संघ ने प्रदेश सरकार पर देरी बरतने के आरोप लगाए हैं। इन प्रशिक्षुओं का कहना है की सरकार के ढीले रवैय के कारण ही जेबीटी के 40000 छात्र तथा उनके परिवारों को ये दंज झेलना पड़ रहा है। बता दें की हाल ही में प्रदेश हाईकोर्ट शिमला ने जेबीटी भर्ती मामलों पर महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए स्पष्ट किया कि शिक्षकों की भर्ती के लिए एनसीटीई की ओर से निर्धारित नियम एलिमेंटरी शिक्षा विभाग के साथ अधीनस्थ कर्मचारी चयन आयोग पर भी लागू होते हैं। न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान व न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने याचिकाओं को स्वीकारते हुए प्रदेश सरकार को आदेश दिया कि वह 28 जून, 2018 की एनसीटीई की अधिसूचना के अनुसार जेबीटी पदों की भर्ती के लिए नियमों में जरूरी संशोधन करे। कोर्ट के इस फैसले से अब जेबीटी पदों के लिए बीएड डिग्री धारक भी पात्र होंगे।
कोर्ट के इस फैसले से जेबीटी डीएलएड प्रशिक्षित बेरोजगार संघ बेहद खफा है। संघ का कहना है की 30 नवंबर को जेबीटी के सभी छात्रों ने हिमाचल प्रदेश सचिवालय के सामने अपनी आवाज रखने के लिए संकेतिक धरना दिया जिसमें जयराम ठाकुर तथा शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने जेबीटी छात्रों को आश्वस्त किया की प्रदेश सरकार जेबीटी के साथ है और बहुत जल्द इस फैसले पर रिव्यु डाल दिया जाएगा या सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की जाएगी। इस बात से सभी जेबीटी छात्र आश्वस्त हो गए की प्रदेश सरकार कुछ ना कुछ जरूर करेगी लेकिन हमेशा की तरह यह भी एक लारा ही लग रहा है। प्रशिक्षुओं का कहना है कि न तो प्रदेश सरकार ने अभी तक रिव्यू डाला है और ना ही सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की है। बेरोजगार संघ ने प्रदेश सरकार से कहा है की वे पिछले 4 सालों से सरकार पर विश्वास जताए हुए है। परन्तु उन्हें अब तक सिर्फ धोका मिला है। संघ ने कहा कि जो लोग सरकार पर भरोसा करते है उन्हें सिर्फ धोखा ही दिया जाता है और जो लोग उग्र प्रदर्शन करते हैं उनकी मांगे पूरी कि जाती है। उन्होंने सरकार को चेताया कि यदि सरकार उचित कदम नहीं उठाएगी शिमला में जेबीटी के सभी साथी उग्र आंदोलन करेंगे और आंदोलन होता रहेगा जब तक उन्हें अपना हक नहीं मिल जाता।
क्या है मांग
संघ का कहना है कि बीएड को जेबीटी का लाभ देना उनके हकों के साथ खिलवाड़ है। यदि ऐसा ही करना था तो इनकी दो साल की पढ़ाई का क्या औचित्य रहेगा। अपने हकों के लिए जेबीटी प्रशिक्षु प्रदेश के हर कोने में जमकर गरज रहे है। इन प्रशिक्षुओं की मांग है की बीएड वालों को जेबीटी का लाभ नहीं मिलना चाहिए। यदि ऐसा होता है तो जेबीटी को समय पर इनके प्रशिक्षण का लाभ नहीं मिल पाएगा। प्रदेश में 40 हजार युवाओं ने जेबीटी और डीएलएड डिप्लोमा किया हुआ है। भर्ती में देरी की वजह से उन्हें अभी तक नौकरी नहीं मिली है। यदि बीएड भी जेबीटी भर्ती के लिए पात्र माने जाते हैं, तो उनका नंबर ही नहीं आएगा। भर्ती एवं पदोन्नति नियमों में बदलाव होने से जिला के डाइट संस्थान व निजी शिक्षण संस्थानों का अस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा। इसके साथ ही बीएड अभ्यर्थी भी जेबीटी पदों में आएंगे, तो उनका नंबर कई सालों बाद आएगा। ऐसे में मांग की जा रही है कि आरएंडपी रूल्स से कतई छेड़छाड़ न की जाए।
दिल्ली एनसीटीई से भी मिले प्रशिक्षु
जेबीटी प्रशिक्षुओं की तरफ से रवि नेगी, रोहित रमन टेगता, अभिषेक ठाकुर, ओमकार ठाकुर, मोहित ठाकुर दिल्ली एनसीटीई से भी मिले हैं। एनसीटीई के चेयरमैन संतोष सारंगी का कहना है कि जेबीटी का रिजल्ट जोधपुर हाई कोर्ट के निर्णय के अनुसार निकला जा सकता हैं। फिलहाल उस निर्णय पर सर्वोच्च न्यायालय से स्टे नही लगा हैं। संघ का कहना है कि कई विकल्प है परन्तु हिमाचल प्रदेश सरकार हमेशा की तरह हर मुद्दे पर लेट होती हैं और जब वह मुद्दा उनके हाथ से निकल जाता है तब जागती है। प्रदेश के छात्र पहले भी कई बार विभाग से मिले और उन्होंने कई बार आग्रह किया कि इस विसंगति को समय रहते दूर किया जाए लेकिन सरकार ने एक नहीं सुनी। जिस कारण नतीजा आपके सामने है। संघ का कहना है कि ये सिर्फ जेबीटी छात्रों के हित की बात नहीं है लेकिन प्रदेश सरकार की इज्जत और सम्मान की बात भी है। सरकार ने जेबीटी का पक्ष लिया और कोर्ट में सरकार हार गई जबकि इसके उलट राजस्थान, गुजरात, केरल तमिलनाडु, दिल्ली ने अपने छात्रों को न्याय दिलाया। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि समय रहते हुए यहां सरकार कभी संजीदा नहीं हुई जिसका खामियाजा प्रदेश के छात्रों को भुगतना पड़ता रहा हैं। जेबीटी प्रशिक्षु रवि नेगी का कहना है कि अगर सरकार समय रहते हुए उचित कदम नहीं उठाएगी तो अब लड़ाई आर-पार की होगी।