करसोग: पांगना क्षेत्र के गांव पज्यानु की लीना शर्मा को प्राकृतिक खेती के लिए केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा राष्ट्रीय पुरस्कार से किया गया सम्मानित
करसोग/राज सोनी: लीना शर्मा का प्राकृतिक खेती के लिए मशहूर पांगना क्षेत्र का गांव पज्यानु जिला मंडी हिमाचल प्रदेश हर दिन एक नया इतिहास रच रहा है। लीना शर्मा ने अभी तक पिछले कई सालों से लगभग हजारों लोगों को प्राकृतिक विधि से खेती सिखाई वहीं महिला शक्ति करण के लिए लीना शर्मा का प्रयास रंग ला रहा है। इस फसल के लिए लीना शर्मा के संसाधन भंडार से विभिन्न स्थानों के लिए अभी तक एक सौ क्विंटल घन जीवमृत व दस हजार लीटर जीवामृत की डिमांड को पूरा करने का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अभी तक चालीस क्विंटल घन जीवमृत व चार हजार लीटर जीवामृत सप्लाई कर चुकी है। फॉर्म लेडी आफ इंडिया तथा भारत की टॉप टेन फार्मर से मशहूर लीना शर्मा ने महिलाओं की आर्थिकी को मजबूत करने का प्रयास सफल हो रहा है। जहां महिलाएं सुबह उठकर गाय से दूध निकाल कर बेच रही हैं वहीं गाय के गोबर, गोमूत्र व खट्टी लस्सी भी लीना शर्मा के संसाधन भंडार में बेचने के लिए पज्यानु गांव ही नहीं आसपास के अन्य गांव जैसे थाच, पनयाडु, घाडी, कत्याना, फ़ेगल इत्यादि स्थानों से लाती हैं। जिसे लीना शर्मा उचित दामों पर खरीद रही हैं लाभार्थी महिला किसानों में मीरा देवी, पिंकी देवी, गोमती देवी, रूकमणि देवी, मीना देवी, शांता देवी, किरण,ममता देवी, तेजी देवी इत्यादि महिलाएं बहुत प्रसन्न है। इसके अलावा लीना शर्मा के संसाधन भंडार में प्राकृतिक घटकों को तैयार करने में महिलाएं प्रतिदिन के हिसाब से रोजगार प्राप्त कर रही हैं। यह घटक किसानों और बागवानों के लिए मंडी जिला के अनेक स्थानों को व शिमला जिला के बागवानों के लिए सप्लाई किया जा रहा है। लीना शर्मा का कहना है कि अब मुझे दिल्ली जैसे शहरों से बड़ी बड़ी कंपनियों से भी प्राकृतिक खेती से उगाए गए उत्पादों को खरीदने के लिए भी ऑफर आ रहे हैं और इस को लेकर खुद भी प्रयास किए जा रहे हैं जिसमें कि प्राकृतिक खेती विधि से उगाए गए सेब व अन्य उत्पादों को अच्छा दाम मिल सके। लीना शर्मा का कहना है कि मैने यह कार्य बिना किसी सरकारी सहायता, न ही किसी एनजीओ की सहायता से अपने दम पर इतनी महिलाओं की आर्थिकी में सुधार ला रही हूं और मुझे ख़ुशी होती है कि जब ये महिलाएं प्रतिदिन दूध के साथ साथ गोबर, गोमूत्र, लस्सी को भी मेरे संसाधन भंडार में बेचकर अपनी आय को और ज्यादा बेहतर बना रही हैं नहीं तो उनके दूध के अलावा किसी भी चीज से आय नहीं होती थी और अब अपने उपयोग से अतिरिक्त के भी दाम मिल रहे है तथा समय समय पर ब्लॉक के आत्मा परियोजना के ए टी एम, बी टी एम व कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर से वैज्ञानिक लीना शर्मा के संसाधन भंडार में आते रहते है।
