करसोग : दलित से अत्याचार और मौत के दोषी को आजीवन कारावास
जिला एवं सत्र न्यायाधीश मंडी की अदालत में एक व्यक्ति रमेश कुमार गांव सिंहज को अनुसूचित जाति जनजाति से संबंधित एक व्यक्ति भूपेंद्र के साथ मारपीट करने और पीड़ित भूपेंद्र की मृत्यु का कारण बनने का दोष सिद्ध होने पर रमेश कुमार को भारतीय दंड संहिता की धारा 304 भाग 2 के तहत 7 वर्ष के कठोर कारावास के साथ 1,00,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। साथ ही अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम की धारा 3(2)(अ) के तहत आजीवन कारावास के साथ 1,00,000 रुपये के जुर्माने की भी सजा सुनाई ।
आदेश के अनुसार यदि उक्त दोषी जुर्माना अदा नहीं करता है तो दोनों सजा में एक 1 वर्ष का अतिरिक्त कठोर कारावास दोषी को भुगतना पड़ेगा। कारावास की दोनों सजाएं साथ-साथ चलेंगी। लोक अभियोजक मंडी नवीन राही ने बताया कि दिनांक 23-10- 2018 को पुलिस को शिकायत प्राप्त हुई थी कि 22- 10 -2018 को भूपेंद्र कुमार अपनी बेटी के साथ बाजार गया था। उसकी बेटी घर वापस आ गई थी, जबकि वह घर नहीं आया था। 22-10 -2018 को रात 9:20 पर फोन पर सूचना मिली कि भूपेंद्र कुमार जख्मी हालत में करसोग अस्पताल में था। वहां से उसको शिमला आईजीएमसी और शिमला से चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया गया।
इस घटना के आधार पर दोषी के खिलाफ पुलिस थाना करसोग जिला मंडी में अभियोग संख्या 157- 2018 दर्ज हुआ था। इस मामले की छानबीन के दौरान ही पीजीआई में पीड़ित भूपेंद्र की मृत्यु हो गई थी। मामले की छानबीन पूरी होने पर मामले का चालान थाना अधिकारी करसोग द्वारा अदालत में दायर किया गया था। न्यायालय के समक्ष मामले में सरकार की तरफ से पैरवी जिला न्यायवादी कुलभूषण गौतम ने अमल में लाई थी और अभियोजन पक्ष ने इस मामले में 31 गवाहों के बयान कलमबद्ध करवाए थे।