कसौली: कोट बेजा स्कूल के दरवाजे, खिड़कियां तोड़ अंदर घुसा मलबा

अभिभावक बोले, सेफ नहीं नया भवन; पुराने भवन में शिफ्ट किया जाए स्कूल
जिला सोलन के तहत आने वाले राजकीय वरिष्ठ माद्यमिक विद्यालय कोट बेजा स्कूल भवन बच्चों, स्टाफ के लिए असुरक्षित हो गया है। भवन के पिछले हिस्से पर साथ लगती पहाड़ी से लगातार भारी भूस्खलन हो गया है तथा मलबा स्कूल के दरवाजे, खिड़कियां तोड़ता हुआ अंदर आ गया है भवन में पानी पानी हो गया है, जबकि स्कूल जाने वाला रास्ता दस जुलाई को हुई भारी बारिश से बह गया था। ऐसे में बच्चे जान हथेली पर रखकर स्कूल जा रहे थे। बच्चों को को काफ़ी दूर से घूमकर एक असुरक्षित पुल से गुजरना पड़ रहा था। बीती रात हुई मूसलाधार बारिश से स्कूल के भवन के पीछे पहाड गिर गया है। अभिभावकों ने आज स्कूल का दौरा कर पाया कि स्कूल में बच्चे सुरक्षित नहीं हंै। उन्होंने मांग की कि स्कूल पुराने भवन में शिफ्ट कर दिया जाए। अभिभावकों का कहना था कि स्कूल को जाने वाला रास्ता दस जुलाई की बारिश में पहले ही बह गया था। अब न तो स्कूल जाने को रास्ता है और न ही स्कूल सेफ है। अभिभावकों ने कहा कि अगर प्रशासन ने स्कूल पुरानी बिल्डिंग में शिफ्ट नहीं किया तो वे अपने बच्चे स्कूल में नहीं पढ़ाएंगे। अभिभावकों ने कहा कि ऐसा न हो कि कोई हादसा होने के बाद प्रशासन अपनी आंखें खोलें। अभिभावकों ने प्रशासन से मांग की है कि मौसम साफ होने पर स्कूल को जाने वाला रास्ते का निर्माण किया जाए।
नई बिल्डिंग पर उठे सवाल
क्षेत्र के लोग कोट बेजा स्कूल के नए भवन पर सवाल खड़े कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि बहल खड्ड के साथ बने इस स्कूल में हमेशा बच्चों को खतरा रहेगा तथा हर बरसात में स्कूल की सड़क टूट जायेगी। ग्रामीणों का कहना है कि स्कूल के लिए सड़क का निर्माण करना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। सड़क निर्माण कई लाखों में होने के बाद अगली बरसात तक टिक जायगी, इसकी गारंटी नहीं होगी। स्कूल का निर्माण करते समय केवल बिल्डिंग बनाने पर ही ध्यान रहा। करीब चार करोड़ की लागत से बनी ये बिल्डिंग अब अपने पर आंसू बहाती नजर आ रही है।