कसौली : मजेड गांव में जल शक्ति विभाग की कोई भी पेयजल योजना नहीं

-पंचायत ने अपने स्तर पर बनाई थी परियोजना, बरसात में वो भी हो गई बंद
-गांववासियों ने सरकार व स्थानीय विधायक से की योजना का नवनिर्माण करने करने की मांग
आजादी के 75 वर्ष बाद भी कसौली विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत कोट बेजा के मजेड गांव में जल शक्ति विभाग की कोई भी पेयजल योजना नहीं है। हालांकि पंचायत स्तर पर गांव के लिए एक स्कीम द्वारा पानी पहुंच रहा था, लेकिन इस वर्ष हुई भारी बरसात के कारण पंचायत द्वारा बनाई गई परियोजना का नामोनिशान मिट गया है। फलस्वरूप गांव में पानी का संकट खड़ा हो गया है। गांववासियों ने पंचायत प्रतिनिधियों को पेयजल योजना को हुए नुकसान की जानकारी दे दी है।
वहीं, अब पंचायत के लिए इस परियोजना को बनाना किसी चुनौती से कम नहीं है। पेजयल परियोजना की पाईप ठीक हालत में है, लेकिन पेयजल टैंक के ऊपर भारी मलबा आ गया है, हालांकि टैंक को कोई नुकसान नहीं हुआ है। पंचयात के तहत आने वाली इस योजना के पेयजल स्टोर टैंक की कई वर्षों से सफाई भी नहीं हुई है। साथ ही विभाग की स्कीम न होने के कारण इसमें कोई दवाई (ब्लिचिंग पाउडर) भी नहीं डाला जाता है। गांववासियों द्वारा टैंक की समय-समय पर सफाई की जाती है। पेयजल लाइन की रिपेयर का कार्य ग्रामीणों द्वारा अपने खर्चे पर किया जाता रहा है।
अब पंचयात ने प्रस्ताव पास कर कसौली के विधायक विनोद सुल्तानपुरी से आग्रह किया है कि बरसात में खत्म हुए पेयजल स्त्रोत का नवनिर्माण करवाया जाए व जल शक्ति विभाग की गिरि पेयजल योजना से उक्त गांव को जोड़ा जाए, ताकि लोगों को पीने का पानी मिल सके। युवा कांग्रेसी नेता पुष्पेंद्र कंवर व ग्रामीणों अरविंद सिंह, लाल सिंह, नरेंद्र सिंह, राजेेंद्र सिंह विपिन आदि ने बताया कि बरसात में पेयजल स्त्रोत खत्म हो गया है, जिस कारण गांव में पीने के पानी का गंभीर संकट पैदा हो गया है। उन्होंने प्रदेश सरकार व विधायक से मांग की है कि पेयजल योजना का नवनिर्माण करवाया किया जाए।