क्या रिकॉर्ड अंतर से जीतेंगे जयराम ठाकुर ?
"जयराम ठाकुर ने सिर्फ सिराज का विकास किया है, उनके राज में सिर्फ सिराज में ही काम हुआ है।"... ये हम नहीं कह रहे है ये तो कांग्रेस कहती आ रही है। अक्सर कांग्रेस जयराम ठाकुर को सिर्फ सिराज का मुख्यमंत्री कहती रही है। यानी एक किस्म से कांग्रेस भी मानती रही है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सिराज में विकास के काम करवाएं है। ऐसे में अगर सिराज की जनता ने विकास के नाम पर वोट किया है, तो नतीजा क्या होगा ये सभी जानते है। वैसे भी सिराज की जनता ने 1998 से जयराम ठाकुर की ही जय बोली है। पांच बार के विधायक और मौजूदा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर अब यहाँ से जीत का छक्का लगाने को लेकर आश्वस्त है। उधर कांग्रेस ने उनके मुकाबले चेतराम को मैदान में उतारा है।
सिराज सीट का इतिहास बेहद रोचक है। 2008 के परिसीमन से पहले ये सीट चच्योट के नाम से जानी जाती थी। ये टेरिटोरियल काउंसिल के अध्यक्ष रहे ठाकुर कर्म सिंह का भी निर्वाचन क्षेत्र रहा है। वे यहाँ से 1967 और 1972 में विधायक रहे। ठाकुर कर्म सिंह डा. परमार की कैबिनेट में वित्त मंत्री थे। वे विधानसभा अध्यक्ष के अलावा विभिन्न विभागों के मंत्री भी रहे। पर दिलचस्प बात ये है कि वर्ष 1962 में ठाकुर कर्म सिंह मुख्यमंत्री पद के भी दावेदार थे। माना जाता है कि उस वक्त अधिकांश विधायकों का समर्थन भी उनके साथ था। बावजूद इसके वे डॉ. यशवंत सिंह परमार से इस दौड़ में पिछड़ गए।
ठाकुर कर्म सिंह के अलावा यहाँ की सियासत में दूसरा बड़ा नाम रहा मोती राम का जो चार बार विधायक बने। मोती राम 1977 में जनता पार्टी से जीते, 1982 में निर्दलीय, 1990 में जनता दल से और 1993 में कांग्रेस से। वह परिवहन व कृषि मंत्री रहे। जयराम ठाकुर अपना पहला चुनाव 1993 में मोतीराम के खिलाफ ही हारे थे। सिराज के सियासी अतीत का जिक्र करते हुए पंडित शिवलाल का जिक्र भी जरूरी है। वे 1985 में कांग्रेस के विधायक बने। उन्होंने प्रदेश में सहकारिता आंदोलन को बढ़ावा दिया और वह प्रदेश राज्य सहकारी बैंक और भूमि विकास बैंक के अध्यक्ष भी रहे। बाद में उन्होंने सीडी सहकारी बैंक की स्थापना की। इसमें सैकड़ों लोगों को रोजगार मिला हुआ है। बहरहाल मौजूदा स्थिति पर लौटते है। 1998 से लगातार यहाँ चुनाव जीतते आ रहे जयराम ठाकुर जीतेंगे या नहीं, राजनीतिक गलियारों में ये चर्चा नहीं है। चर्चा दरअसल ये है कि जयराम ठाकुर कितने वोटों से जीतेंगे। क्या जयराम इस बार रिकॉर्ड अंतर से ये सीट अपने नाम करेंगे। बहरहाल जनता अपना वर्डिक्ट दे चुकी है और सभी सवालों का जवाब आठ दिसम्बर को मिलेगा।