कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया : फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
फैज़ अहमद फैज़
मशहूर नगमानिगार फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ एक बेमिसाल शायर थे। उनकी शायरी में अहसास, बदलाव, प्रेम और सुकुन सब कुछ था। वो भारतीय उपमहाद्वीप के एक विख्यात पंजाबी शायर थे, जिन्हें अपनी क्रांतिकारी रचनाओं में रसिक भाव के मेल की वजह से जाना जाता है। सेना, जेल तथा निर्वासन में जीवन व्यतीत करने वाले फ़ैज़ ने कई नज़्में और ग़ज़लें लिखी तथा उर्दू शायरी में आधुनिक प्रगतिवादी दौर की रचनाओं को सबल किया। पढ़िए उनकी लिखी एक ख़ूबसूरत नज़्म : कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया
कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया
वो लोग बोहत खुश-किस्मत थे
जो इश्क़ को काम समझते थे
या काम से आशिकी करते थे
हम जीते जी मसरूफ रहे
कुछ इश्क़ किया, कुछ काम किया
काम इश्क के आड़े आता रहा
और इश्क से काम उलझता रहा
फिर आखिर तंग आ कर हमने
दोनों को अधूरा छोड दिया