मंडी: NH निर्माण कंपनी गावर के खिलाफ सरकाघाट थाने में FIR दर्ज

डिंपल शर्मा/धर्मपुर-मंडी: मंडी में फोरलेन निर्माण कर रही गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी की कथित मनमानी के खिलाफ आखिरकार स्थानीय लोगों का गुस्सा फूटा है। पूर्व जिला पार्षद भूपेंद्र सिंह के नेतृत्व में एक दर्जन से अधिक शिकायतकर्ताओं ने आज सरकाघाट पुलिस थाने में गावर कंपनी के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज करने के लिए शिकायत दी है। इसकी प्रतियां डीएसपी और एसपी को भी भेजी गई हैं। अब देखना होगा कि पुलिस इस पर क्या कार्रवाई करती है। आज एफआईआर दर्ज कराने वालों में भूपेंद्र सिंह के अलावा हिमाचल किसान सभा के रणताज राणा, दिनेश काकू, सरकाघाट नागरिक सभा के बीडी शर्मा, एनएच प्रभावित संघर्ष समिति के पूर्ण चंद पराशर, अमृत लाल के साथ-साथ प्रभावित अविनाश चंदेल, श्रवण कुमार, ओंकार सिंह, परसदा पंचायत की प्रधान सलिता देवी और ठेकेदार रमेश ठाकुर शामिल हैं। यह शिकायत एडवोकेट सुरेश शर्मा के मार्गदर्शन में तैयार की गई है। शिकायतकर्ताओं ने पर्यावरण संरक्षण एक्ट 1999 की धारा 270, 279, 280, 285, 288, 290, 324(1) और 326(ए) व (बी) के तहत भारतीय न्याय संहिता के प्रावधानों के तहत एफआईआर दर्ज करने का आवेदन दिया है।
इस शिकायत में गावर कंस्ट्रक्शन कंपनी के साथ-साथ क्वालिटी कंट्रोल के लिए भारत सरकार द्वारा नियुक्त एलएन मालवीय कंपनी और भारत सरकार के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग विभाग, हमीरपुर के परियोजना निदेशक व अन्य अधिकारियों को भी एफआईआर में पार्टी बनाया गया है। भूपेंद्र सिंह ने बताया कि सरौन-अवाहदेवी से सरकाघाट-पाड़छु तक यूनिट-1 का काम पिछले चार साल से चल रहा है लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ है। उनके मुख्य आरोपहै कि डेढ़ दर्जन मकानों के पास सुरक्षा दीवारें न होने से उनके गिरने का खतरा बढ़ गया है। इसके साथ ही दर्जनों रास्ते, लिंक रोड और पेयजल स्रोत नष्ट कर दिए गए हैं, और हैंडपंप उखाड़ दिए गए हैं। कई जगहों पर सड़कें उखाड़ दी गई हैं और उन्हें तीन साल से पक्का नहीं किया जा रहा है। चोलथरा, रखोह, सरौर, परसदा, दमसेहड़ा के पास सड़कों पर गहरे गड्ढे पड़े हैं, जिससे सैकड़ों गाड़ियों को नुकसान पहुँचा है और यातायात बाधित होता रहता है। बरसात में यह समस्या और भी बढ़ जाएगी। कंपनी ने कलोट-रखोह, टटीह, सरौर और गासियां खड्ड-पाड़छु में अवैध रूप से खड्डों में मलबा डालकर डंपिंग की है, जिससे धर्मपुर कस्बे को भी बरसात में नुकसान होने की आशंका है।कंपनी अवैध ब्लास्टिंग और खनन कर रही है और प्रदूषण नियंत्रण के मापदंडों का उल्लंघन किया जा रहा है। आरोप लगाया है कि पूरा निर्माण कार्य बहुत ही घटिया किस्म का किया गया है और मॉर्थ विभाग (सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय) तथा क्वालिटी चेक करने वाली कंपनी भी मूकदर्शक बनी हुई हैं। भूपेंद्र सिंह ने आरोप लगाया कि स्थानीय प्रशासन भी कंपनी के आगे असहाय है और कंपनी मनमाने तरीके से काम कर रही है।
इन अनियमितताओं के चलते हिमाचल किसान सभा और अन्य संगठन पिछले एक महीने से धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और अब एफआईआर दर्ज करवा दी गई है ताकि जनता को राहत मिल सके। शिकायत दर्ज करवाने वालों ने पुलिस प्रशासन से तुरंत एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई शुरू करने की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर इसमें कोई ढिलाई बरती गई तो किसान सभा और अन्य संगठन प्रशासन के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे।