एडीकेएम सभा के सदस्य ने निलंबित प्रधान पर लगाए आरोप

दाड़लाघाट एडीकेएम के पूर्व प्रधान व वर्तमान सदस्य वेद प्रकाश शुक्ला ने एक प्रेस वार्ता के दौरान दाड़लाघाट में एडीकेएम के निलंबित प्रधान पर अपने पद का दुरुपयोग कर सभा नियमों के विरुद्ध कार्य करने के आरोप लगाए हैं। वेद प्रकाश शुक्ला ने कहा कि अर्की तहसील के जितने भी बेरोजगार है उनका सिर्फ कमाई का साधन ट्रांसपोर्टेशन है। उन्होंने कहा कि अर्की क्षेत्र के दो बड़े उद्योग है जिनमें पहला अम्बुजा सीमेंट कंपनी दाड़लाघाट और दूसरा अल्ट्रा सीमेंट कंपनी जो मांगल में स्थित है दोनों उद्योग अर्की तहसील में पड़ते है। शुक्ला ने कहा कि जिनमें सीमेंट और क्लींकर की ढुलाई करने के लिए सबसे पहले एसडीटीओ सभा का निर्माण हुआ फिर एडीकेएम का निर्माण हुआ वैसे ही आगे बाघल लैंड लूजर, गोल्डन सभाओं का निर्माण होता चला गया।
शुक्ला ने कहा कि पहले सभा के चुनाव आम सहमति से हुआ करते थे,उसके उपरान्त सभाओं में वार्डों का गठन किया गया व चुनाव प्रक्रिया विभाग के माध्यम से करवाई जाने लगी, सभा एडीकेएम जिसमें कुल 425 सदस्य हैं जिसमें 21 वार्ड बनाए गए हैं जो मेरे ख्याल से बिल्कुल गलत हैं जो एक्ट 1968 के अन्तर्गत सही नहीं है। शुक्ला ने सभा का चुनाव वार्ड के हिसाब होता है, जिसमें वार्ड की संख्या 16 से 25 तक की होती है। पहले कार्यकारणी सदस्यों का चुनाव है बाद में कार्यकारणी प्रधान,उपप्रधान व कोषाध्यक्ष का चुनाव करती है। हमारी सभा का चुनाव पिछले 2016 को अक्टूबर माह में हुआ था। वेद प्रकाश शुक्ला ने आरोप प्रत्यारोप लगाते हुए कहा कि एचपी-11-3057 ने दिन में दो दो चक्कर 200 किलोमीटर के लगाए हैं। अगर ध्यानपूर्वक देखा जाए तो 29,30,31 दिसम्बर 2018 को तीन दिन में 77500 रुपए का इस गाड़ी ने कार्य किया है। वही यह गाड़ी निरन्तर सभा द्वारा अम्बुजा कंपनी में लगाई गई है,जिसका 90000 रुपए का भुगतान कंपनी द्वारा किया जाता है। हमारी सभा की 6 चक्का गाड़ी महीने में करीब 100000 रुपए से 120000 रुपये का कार्य करती है,परन्तु यह गाड़ी एचपी-11-ए-3057 गाड़ी मालिक तुसली देवी पत्नी बालक राम शर्मा पूर्व प्रधान महीने में 2,30000 रुपए का कार्य करती है।इस गाड़ी के कार्य के बारे में सभा के सभी सदस्यों को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है।
वेद प्रकाश शुक्ला ने कहा कि सभा में विवादित जो 9 गाड़ियां चल रही थी, इसकी आरटीआई द्वारा विभाग से सूचना मांगी तो उसमें ये पाया गया कि जो सभा के सदस्य नहीं है,न उनकी गाड़ी है ढाई वर्ष तक सभा द्वारा उसके खाते में कैसे भुगतान किया गया।जिसका कुल आकलन ढाई करोड़ रुपये के आसपास है। यह कहना बिल्कुल गलत है कि इन सभा सदस्यों को कार्यकारणी द्वारा आरसी बनाने का समय दो या तीन महीने दिया गया था, परन्तु इन सदस्यों को कागज बनाने के लिए ढाई वर्ष का समय कैसे लगा।इसके लिए भी पूर्ण रूप से कार्यकारणी जिम्मेदार है। शुक्ला ने कहा कि एचपी-11-5793 मल्टीएक्ससल गाड़ी को अवैध रूप से चलाया गया। शुक्ला ने कहा कि जहाँ तक सभा भवन निर्माण की बात है, भवन की जमीन के रेट के बारे में चर्चा हुई तो जमीन मालिक पूर्व प्रधान बालकराम शर्मा रेट कम की बात कहते तो मुकर जाया करते लेकिन बाद में सभा के एक सदस्य की आड़ में प्रधान ने अपनी जमीन नियमों को ताक पर रखकर 28 लाख में सभा को बेची दी। यही नहीं उस जमीन रजिस्ट्री होने से 14 महीने पहले 28 लाख का चेक अपने खाते में ट्रांसफर कर दिया।
वेद प्रकाश शुक्ला ने कहा कि सभा में जो भी कार्य किये वो सभा के नियमों के खिलाफ किये जिसमे की सभा के सदस्यों द्वारा प्रधान के बोलने से बाहर की सीमेंट की गाड़िया इधर उधर बेचना, सभा के गाड़ी टोकन को क्रय विक्रय करना,गाडियों में डीजल डलवाना, टायरों का कार्य करना,सभा के सदस्यों को 5 प्रतिशत ब्याज के हिसाब से पैसा देना इस प्रकार के सारे कार्य बहुत ही निंदनीय है। ये जो सीमेंट माफिया है ये जरुरी नहीं हमारी सभा में है ये सभी सभाओं में हो रहा है सभी सभाओं के सदस्य ऐसे कार्य को अंजाम देते हैं लेकिन हमारी सभा का प्रधान इस कार्य को सभा सदस्यों से खुद करवाता था।शुक्ला ने कहा कि सबसे पहले 425 सदस्यों वाली एडीकेएम सभा कार्यकारिणी के 21 सदस्यों के बजाय 11 सदस्यों की कार्यकारिणी गठित की जाये व वार्डों को सही तरीके से गठित किया जाएं, क्योंकि आज भी सभा में एक ही परिवार के चार सदस्यों को अलग-अलग वार्डों में धकेला गया है क्योंकि यह सारा ड्रामा इन्हीं कुछ लोगों द्वारा किया गया है। शुक्ला ने कहा को आज हमारा सर शर्म के मारे झुक रहा है कि दाड़लाघाट में 4 परिवहन सहकारी सभाएं होने के बावजूद तीन सभाओं में प्रशासक की नियुक्ति विभाग द्वारा की गई है क्योंकि यह ट्रांस्पोटर कार्य भ्रष्टाचारियों का रुप धारण कर चुका है। वेद प्रकाश शुक्ला ने कहा कि विभाग इसमें 67, 69 की जांच अमल में लायें व भ्रष्टाचारियों को दण्डित करें व सजा दें ताकि आने वाले समय में कोई भी सभा प्रबन्धक ऐसा निंदनीय कार्य करने की हिम्मत न करें। उन्होंने सरकार से निष्पक्ष जांच करवाने व विजलेंस जांच करवाने की मांग भी रखी।