कोरोना के बाद एक और खतरा , हिमाचल में 1000 से ज़्यादा पक्षिओं की मौत, बर्ड फ्लू की आशंका
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने दो वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ भारत को कोरोना वैक्सीन को लेकर चल रहा लंबा इंतजार अब खत्म हो गया है।
भारत में कोरोना महामारी से निजात मिलने की उम्मीद अभी जगी ही थी की और संकट सामने आ गया है l देश में कोरोना संकट के बीच बर्ड फ्लू के नए खतरे ने दस्तक दे दी है। राजस्थान और मध्यप्रदेश के बाद अब हिमाचल में 1000 से अधिक पक्षियों की मौत हो गई है। चिंता की बात यह है कि यह अब और तेज गति से फैलने लगा है। मृत परिंदों के सैंपल लेकर मध्यप्रदेश के भोपाल की एक प्रयोगशाला में भेजे गए हैं।
राजस्थान के झालावाड़ जिले में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद शनिवार को पहली बार कोटा और पाली में भी कौवों की मौत हुई। अब यह पांच जिलों में फैल चुका है। शनिवार को बारां में 19, झालावाड़ में 15 और कोटा के रामगंजमंडी में 22 और कौवों की मौत हुई। कोटा संभाग के इन्हीं तीन जिलों में अब तक 177 कौवों की मौत हो चुकी है। मध्यप्रदेश के इंदौर में भी 13 और कौवों की मौत हुई।
हिमाचल प्रदेश भी इस खतरे से अछूता नहीं रहा हैं , हिमाचल के पाेंग डैम अभयारण्य में एक हफ्ते में 1,000 से अधिक प्रवासी पक्षी मृत पाए गए हैं। पाेंग डैम अभयारण्य में हर साल अक्तूबर से मार्च तक रूस, साइबेरिया, मध्य एशिया, चीन, तिब्बत आदि देशों से विभिन्न प्रजातियों के रंग-बिरंगे परिंदे लंबी उड़ान भर यहां पहुंचते हैं और पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। अब इन पक्षियों की अचानक मौत हो रही है। वन्यप्राणी विभाग ने बर्ड फ्लू की आशंका के चलते जिलाधीश कांगड़ा को अवगत करवा झील में सभी प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगा दी है।