BREAKING : सुप्रीम कोर्ट ने अगले आदेश तक तीनों कृषि कानूनों पर लगाई रोक

कृषि कानूनों पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को एक बड़ा झटका दिया है। शीर्ष अदालत ने अगले आदेश तक कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगा दी है। कोर्ट के कहा की अगले आदेश तक ये कानून लागू नहीं होंगे। कोर्ट ने साथ ही इस मुद्दे के समाधान के लिए कमिटी गठित करने का आदेश पारित कर दिया है। सरकार और किसानों के बीच लंबे वक्त से चल रही बातचीत का हल ना निकलने पर सुप्रीम कोर्ट ने ये फैसला लिया। अब इस समस्या के समाधान के लिए कमिटी बातचीत करेगी। इस कमेटी में कुल चार लोग शामिल होंगे, जिनमें भारतीय किसान यूनियन के जितेंद्र सिंह मान, डॉ. प्रमोद कुमार जोशी, अशोक गुलाटी (कृषि विशेषज्ञ) और अनिल शेतकारी के नाम SC ने सुझाए हैं।
बता दें, सुनवाई के दौरान किसानों का पक्ष रख रहे वकील शर्मा ने बताया कि किसान संगठन सुप्रीम कोर्ट की ओर से समिति गठित किए जाने के पक्ष में नहीं हैं और वो समिति के समक्ष नहीं जाना चाहते हैं। इस पर कोर्ट ने कहा कि हम कानून पर रोक लगा सकते हैं पर इससे बात नहीं बनेगी। हमारे पास कमेटी बनाने का अधिकार है। हम समस्या का हल चाहते हैं इसलिए कमेटी बनाने की बात कर रहे हैं। कोर्ट ने पूछा कि जब आप कहते है कि किसान कमेटी के पास नहीं जाएंगे। सवाल ये है कि क्या सारे किसान ऐसा चाहते है। अलग अलग यूनियन है, उनकी अलग अलग राय है।
कोर्ट ने कहा 'अगर किसान सरकार के समक्ष जा सकते हैं तो कमिटी के समक्ष क्यों नहीं? अगर वो समस्या का समाधान चाहते है तो हम ये नहीं सुनना चाहते कि किसान कमिटी के समक्ष पेश नहीं होंगे।'
कोर्ट ने केंद्र से सवाल किया कि आरोप है कि कुछ प्रतिबंधित संगठन प्रदर्शन को स्पॉन्सर कर रहे हैं आपका क्या कहना है। इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि खालिस्तान समर्थक इस प्रदर्शन में शामिल हो गए है, ऐसी रिपोर्ट है। 26 जनवरी को कड़ी सुरक्षा रहती है। एक बार वो दिल्ली की सीमा में घुस गए, कहां जाएंगे। कुछ नहीं कहा जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने इस पर सरकार से कल तक हलफनामा दायर करने को कहा है।