किसान आंदोलन में पड़ी दरार, किसान नेता वीएम सिंह हुए अलग, भानु गुट ने भी किया ऐलान
पिछले 2 महीनों से चल रहे किसान आंदोलन में कल हुए भरी बवाल के बाद दिल्ली में सुरक्षा कड़ी हो गई है। किसानो की ट्रेक्टर रॉय के दौरान हुई हिंसा को लेकर पुलिस ने 22 FIR दर्ज की है। इसके चलते आज दिल्ली में इंटरनेट सेवाएं व कई रस्ते बंद हैं। इसी बीच आंदोलन को लेकर किसानों का रुख बदल गया है। किसान मजदूर संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीएम सिंह के आंदोलन से अलग होने की खबर आ रही है। उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा की अब उनका संगठन आंदोलन का हिस्सा नहीं है।
उन्होंने भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा की ये आंदोलन इस स्वरूप मे मेरे साथ नहीं चलेगा। हम यहां पर शहीद कराने या लोगों को पिटवाने नहीं आए हैं। उन लोगों के साथ आंदोलन नहीं चला सकते, जिनकी दिशा अलग हो. राकेश टिकैत ने एक बार भी गन्ना किसानों की बात उठाई। राकेश टिकैत ने धान खरीफ की कोई बात नहीं की।
वीएम सिंह ने कहा कि- सरकार की भी गलती है जब कोई 11 बजे की जगह 8 बजे निकल रहा है तो सरकार क्या कर रही थी। जब सरकार को पता था कि लाल किले पर झंडा फहराने वाले को कुछ संगठनों ने करोड़ों रुपये देने की बात की थी। साथ ही उन्होंने कहा कि- हिन्दुस्तान का झंडा, गरिमा, मर्यादा सबकी है। उस मर्यादा को अगर भंग किया है, भंग करने वाले गलत हैं और जिन्होंने भंग करने दिया वो भी गलत हैं। ITO में एक साथी शहीद भी हो गया। जो लेकर गया या जिसने उकसाया उसके खिलाफ पूरी कार्रवाई होनी चाहिए।
उधर, बीकेयू का भानु गुट भी किसान आंदोलन से अलग हो गया है। संगठन के मुखिया भानु प्रताप सिंह ने कहा कि जो आरोपी हैं उनके खिलाफ कार्रवाई हो। उन्होंने चिल्ला बॉर्डर से धरना खत्म करने का एलान किया है।