ग्लेशियर टूटने के 24 घंटो बाद भी 153 से अधिक लोग लापता, अभी तक 14 शव बरामद
उतराखंड में एक बार फिर कुदरत ने अपना कहर बरपाया है। उत्तराखंड के रैणी गांव में रविवार की सुबह भी प्रत्येक दिन की तरह शांत सर्द सुबह थी, लेकिन लगभग दस बजे एक जोरदार आवाज सुनायी दी। जिसमें ऋषिगंगा में पानी का सैलाब और कीचड़ था जो काफी तेजी से उनकी तरफ बढ़ रहा था। वहां के ग्रामीण लोगो का कहना है कि जब तक हम यह समझ पाते कि क्या हो रहा है, उससे पहले ही ऋषिगंगा के कीचड़ वाले पानी ने सारी चीजें तबाह कर दीं।
बताया जा रहा है कि रविवार को कई लोगों के इस सैलाब में बह जाने की आशंका है। उनमें नदी के आसपास काम कर रहे लोग भी शामिल हैं। गांव के तीन लोग इस त्रासदी के बाद से गायब हैं। नंदा देवी ग्लेशियर के टूटने के बाद यह हिमस्खलन आया, और इस हिमस्खलन से वह परियोजना नष्ट हो गयी जो 2020 में ही शुरू हुई थी। मुख्य सीमा मार्ग पर एक बड़ा पुल भी बह गया। ऋषि गंगा और धौली गंगा के संगम से 20 मीटर की ऊंचाई पर बने कुछ मंदिर भी बह गए।
बता दें कि देवभूमि उत्तराखंड में बीते दिन कुदरती आफत ने फिर अपना कहर बरपाया है। ग्लेशियर टूट जाने के कारण चमोली में बड़ा नुकसान हुआ है। जहां पानी के तेज बहाव में काफी कुछ बह गया। प्लांट से लेकर पुल और घर तक को इस हादसे में नुकसान हुआ है। यहां अभी तक कुल 14 शव मिले हैं, जबकि 153 से अधिक लोग गायब बताए जा रहे हैं।