ईंधन की कमी को पूरा करेंगे मशीन से तैयार होने वाले उपले
- शवों को जलाने के लिए होगा उपलों का प्रयोग, कटने से बचेंगे पेड़
- पर्यावरण संरक्षण के लिए इंनरव्हील क्लब सोलन ने डांगरी गौशाला में डोनेट की उपले बनाने वाली मशीन
हिमाचल प्रदेश देश में अपने स्वच्छ पर्यावरण के लिए जाना जाता है। प्रदेश में निरंतर चल रहे विकास कार्यों के चलते पेड़ भी कट रहे हैं। ऐसे में सामाजिक संगठन भी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में कार्य कर रहे है। इनरव्हील क्लब सोलन भी पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम कर रहा है। इसी कड़ी में बुधवार को इंनरव्हील क्लब सोलन ने शहर के साथ लगते डांगरी गांव में गौशाला में गाय के गोबर से उपले बनाने के लिए एक मशीन डोनेट की। इस मौके पर गौशाला के फाउंडर कुलभूषण गुप्ता और इनरव्हील क्लब सोलन की टीम मौजूद रही।
यह हिमाचल की पहली मशीन: अग्रवाल
इनरव्हील क्लब सोलन की प्रधान प्रियंका अग्रवाल ने बताया कि गाय के गोबर से उपले तैयार करने के लिए डागंरी गौशाला में बुधवार को मशीन को इंस्टॉल की गई। यह प्रदेश में लगने वाली अपनी तरह की पहली मशीन है। उन्होंने बताया कि गोबर के उपलों को हम ईंधन के रूप में इस्तेमाल करके पेड़ों को कटने से बचा सकते हैं। इस मशीन से तैयार होने वाले उपलों से शवों को जलाने के लिए भी इस्तेमाल किया जाएगा। ईंधन की जरूरतें पूरा होने से हमारी हरियाली बची रहेगी। इस मशीन से बने हुए उपले कई जगह पर काम आएंगे। यह उपले पर्यावरण को भी संरक्षण प्रदान करेंगे। इस मशीन में दो से तीन दिन पुराने गोबर को उपयोग में लाया जाता है।
डांगरी में यह उपले बनाने की मशीन इनरव्हील क्लब सोलन की प्रधान प्रियंका अग्रवाल ने बताया कि इस मशीन को डांगरी में लगाने का श्रेय कुलभूषण गुप्ता को भी जाता है जिन्होंने इस मशीन को यहां लगाने के लिए सहयोग दिया। इस अवसर पर इनरव्हीलक्लब सोलन क्लब सचिव योगिता सिंगला, एडिटर सुमन कंवर, ऊषा विज, कोषाध्यक्ष कल्पना परमार, सविता शर्मा, खुशबू, बिंदू महाजन व अन्य मौजूद रही।