राष्ट्रीयकृत बैंकों की तर्ज पर हिमाचल राज्य के बैंकों को भी मिले ऋण दाताओं को रियायतें देने की शक्तियां: तेजस्वी शर्मा

हिमाचल प्रदेश लघु किसान मंच के राज्य उपाध्यक्ष एवम जिला बिलासपुर अध्यक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता तेजस्वी शर्मा ने हिमाचल प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देश प्रदेश के सरकारी बैंकों पर भी लागू किये जायें। उन्होंने कहा कि देश के समस्त राष्ट्रीयकृत बैंक अपने उपभोक्ताओं को बैंक ऋण चुकाने हेतु विभिन्न सुविधाएं प्रदान करते हैं। किसी कारणवश देश के गरीब किसान या अन्य व्यक्ति बैंकों का भारी व्याज देने में असमर्थ रहते हैं तो बैंक उन्हें ओ टी एस स्कीम की सुविधा प्रदान कर मूलधन या सामान्य व्याज दरों पर ऋण चुकता करने की सुविधा प्रदान कर राहत पहुंचाता है जिससे लाखों- करोड़ों भारी कर्जे के बोझ तले दबे बदहाली का जीवन बसर करने को मजबूर देश व प्रदेश के आम नागरिकों को राहत मिलती है । परंतु अफसोस का विषय है कि बैंकों की श्रेणी में होने के बावजूद हिमाचल के समस्त सरकारी बैंक मसलन को. ऑपरेटिव बैंक, हिमाचल ग्रामीण बैंक इत्यादि राष्ट्रीयकृत बैंकों की तर्ज पर रियायती स्कीमों को अपनाने से परहेज करते हैं और रिजर्व बैंक के निर्देशों की अवहेलना कर रह हैं। तेजस्वी शर्मा ने कहा कि समस्त प्रादेशिक बैंकों को अपना घरेलू बैंक मान कर प्रदेश की जनता इनसे लोन लेना मुनासिफ समझती है लेकिन समस्त प्रादेशिक बैंक आम जनता को राष्ट्रीयकृत बैंकों की तर्ज पर लाभ पहुंचाने में असमर्थ हैं। ओ टी एस स्कीम में रियायते देकर राष्ट्रीकृत बैंकों ने राष्ट्रीय एवम प्रादेशिक लोक अदालतों के माध्यम से अरबों रुपये की धनराशि वसूल की है लेकिन नियम न होने के कारण उपरोक्त राजकीय बैंक अभी भी पुराने नियमों पर चल कर गरीब जनता को राहत पहुंचाने में असमर्थ है। तेजस्वी शर्मा ने माननीय मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि इन राजकीय बैंकों के मुखिया होने के नाते निदेशक मण्डलों को नए प्रचलित नियमों को अपनाने के निर्देश दिए जाएं ताकि प्रदेश की जनता अपने बैंकों से लेनदेन करने से मुख न मोड़ें अन्यथा आगामी वर्षों में जनता राजकीय बैंकों से मुख मोड़ने के लिए बाध्य होगी जिससे स्वाभाविक तौर पर हिमाचल को भारी राजस्व हानि होने की आशंका है।