काेराेना महामारी ने राेकी जनगणना, मई महीने में शुरु हाेनी थी प्रक्रिया
काेराेना महामारी ने देश और प्रदेश में इस वर्ष होने वाली जनगणना की प्रक्रिया को राेक दिया है। प्रदेश सरकार की ओर से इसके लिए पिछले साल दिसंबर माह में तैयारियां भी शुरु कर दी गई थी, लेकिन इस वर्ष जनगणना संभव हो पाना काफी कठिन लग रहा है। कारण यही है कि पूरा देश इस वक्त काेराेना से लड़ रहा है, हालाँकि कोरोना से जंग पूरी तरह जीतने के बाद शायद जनगणना की प्रक्रिया शुरु हाे जाए। प्रदेश सरकार ने जनगणना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्यस्तरीय समन्वय समिति भी बना दी है। हिमाचल प्रदेश में जनगणना कार्य में पारदर्शिता और सही जानकारी के संकलन के लिए मोबाइल एप भी बनेगा। इसके माध्यम से राज्य में जनगणना 2021 का अधिकतम कार्य संपादित करवाया जाएगा। जानकारियों का संकलन ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकेगा। बीते फरवरी व मार्च माह में उपायुक्तों और जिले के अन्य अधिकारियों को जनगणना के कार्य का विस्तृत प्रशिक्षण दिया गया है। निदेशक जनगणना के मुताबिक जनगणना कार्यालय द्वारा हिमाचल में 18 मास्टर ट्रेनर को पिछले साल नवंबर में प्रशिक्षण दिया गया था। ये मास्टर ट्रेनर मार्च में सभी जिलों में लगभग 418 फील्ड ट्रेनर को प्रशिक्षण देने वाले थे। इनके द्वारा अप्रैल में राज्य के लगभग 19500 प्रगणकों व पर्यवेक्षकों को जनगणना का कार्य करने के लिए प्रशिक्षण दिया जाना था, लेकिन काेराेना के बढ़ते केस काे देखते हुए ऐसा संभव नहीं हाे पाया। बताया गया कि जनगणना से पहले प्रगणक अपने मोबाइल फोन का उपयोग कर मोबाइल एप के माध्यम से जनगणना का कार्य संपादित करेंगे। मोबाइल फोन के माध्यम से जनगणना कार्य करने वाले प्रगणकों को लगभग 25 हजार और पेपर पर कार्य करने वाले प्रगणकों को लगभग 17 हजार रुपये मानदेय भी दिया जाना है।
16 मई से 30 जून तक हाेना थी मकानाें की गणना
जनगणना विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक राज्य में प्रथम चरण में 16 मई से 30 जून तक मकानों की गणना कर उन्हें सूचीबद्ध किए जाने का शेडयूल तैयार कर दिया है। उपरोक्त कार्य के साथ-साथ राष्ट्रीय जनगणना रजिस्टर को भी अपडेट किया जाएगा। जनगणना के संपूर्ण कार्य का पर्यवेक्षण वेब पोर्टल के माध्यम से किया जाएगा। पर अभी इसके लिए हिमाचल के काेराेना मुक्त हाेने का इंतजार करना पड़ेगा।