वैज्ञानिकों ने किया दावा, ओमीक्रोन की वजह से भारत में फरवरी में आ सकती है तीसरी लहर | India Health News
सार्स-कोवी-2 के नए स्वरूप ओमीक्रोन (Omicron) से कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर फरवरी में चरम पर पहुंच सकती है, जब देश में प्रतिदिन एक लाख से डेढ़ लाख तक मामले सामने आने की संभावना है। कोविड-19 के गणितीय अनुमान में शामिल भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के वैज्ञानिक मनिंद्र अग्रवाल ने यह कहा है। उन्होंने कहा कि नये अनुमान में ओमीक्रोन स्वरूप को एक कारक के तौर पर शामिल किया गया है। अग्रवाल ने कहा कि नए स्वरूप के साथ, हमारा मौजूदा अनुमान यह है कि देश में फरवरी तक तीसरी लहर आ सकती है लेकिन यह दूसरी लहर से हल्की होगी। अब तक हमने देखा है कि ओमीक्रोन से होने वाले संक्रमण की गंभीरता डेल्टा स्वरूप की तरह नहीं है। ’’हालांकि, उन्होंने कहा कि दक्षिण अफ्रीका में सामने आए मामलों पर करीबी नजर रखी जा रही है, जहां इस नये स्वरूप के कई मामले सामने आए हैं। अग्रवाल ने कहा कि फिलहाल दक्षिण अफ्रीका में संक्रमण के कारण अस्पताल में भर्ती होने की दर में वृद्धि नहीं दिखी है। बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दक्षिण अफ्रीका और कुछ अन्य देशों में सामने आये कोविड के नये स्वरूप को 26 नवंबर को ओमीक्रोन नाम दिया था। उसने ओमीक्रोन को चिंता पैदा करने वाला स्वरूप भी बताया था। विशेषज्ञों ने यह संभावना जताई है कि वायरस में आनुवांशिकी बदलाव होने की वजह से यह कुछ अलग विशेषताओं वाला हो सकता है। भारत में ओमीक्रोन स्वरूप के अब तक 23 मामले सामने आ चुके हैं। ओमाइक्रोन के डर के बीच मुंबई के पास 100 से अधिक विदेशी रिटर्न का पता नहीं चल पाया है।
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