टूलकिट केस में दिशा रवि को कोर्ट ने दी जमानत, पुलिस को दी सख्त नसीहत
किसान आंदोलन को भड़काने से लेकर इसके खालिस्तानी कनेक्शन तक के संगीन इल्जामों से घिरी दिशा रवि को कोर्ट से बड़ी राहत मिली। पुलिस ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट के सामने टूलकिट के असली मंसूबे को लेकर तमाम सवाल उठाए लेकिन कोर्ट को दिशा के इरादों में कुछ भी ऐसा नहीं लगा कि उसे सलाखों के पीछे रखा जाए। पटियाला हाउस कोर्ट के सत्र न्यायालय ने दिशा को जमानत दे दी। दिशा रवि को जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा कि इन रिकॉर्ड में ऐसा कुछ नहीं है कि जिससे लगे कि दिशा अलगाववादी विचार रख रही थीं। दिशा रवि का प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस से संबंध साबित नहीं हुआ।
पुलिस ने देश के खिलाफ साजिश रचने जैसे दावों को सही साबित करने के लिए तमाम दलीलें रखीं लेकिन वो काम नहीं आईं। पुलिस ने टूलकिट को 26 जनवरी की दिल्ली हिंसा से जोड़कर बताया। पुलिस ने अपने दावे में कहा कि यह महज एक 'टूलकिट' नहीं था, बल्कि इसके जरिए असली मंसूबा भारत को बदनाम करना था, देश में अशांति पैदा करने के खतरनाक इरादे थे। पुलिस का ये भी दावा है कि दिशा ने वॉट्सऐप पर की गई चैट डिलीट कर दी थी, क्योंकि वह कानूनी कार्रवाई से से वाकिफ थी, इससे साफ है कि 'टूलकिट' के पीछे नापाक मंसूबा था। यानी पुलिस ने अपने स्तर पर दिशा के खिलाफ मजबूत केस बनाया लेकिन कोर्ट ने सारी दलीलें ख़ारिज कर दीं।