सीपीआरआई छह सौ क्विंटल आलू ब्रीडर बीज करेगा तैयार, राज्यों में होगा सप्लाई

केंद्रीय आलू अनुसंधान संस्थान (सीपीआरआई) शिमला आलू का 600 क्विंटल ब्रीडर बीज तैयार करेगा। उच्च गुणवत्ता वाला यह बीज देश के विभिन्न राज्यों को सप्लाई होगा। राज्य अपने आलू बीज फार्मों पर ब्रीडर बीज से 3,000 क्विंटल बीज तैयार कर फसल लगाने के लिए किसानों को देंगे। राज्यों के कृषि अधिकारियों को सीपीआरआई आलू बीज रोग सिस्ट निमेटोड से बचाव का प्रशिक्षण भी देगा। पहले चरण में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व जम्मू-कश्मीर और दूसरे चरण में पूर्वोत्तर के राज्यों सिक्किम, मणिपुर और आंध्र प्रदेश को प्रशिक्षण दिया जाएगा। सीपीआरआई ने पहले चरण के लिए तीनों राज्यों को पत्र लिखकर प्रशिक्षण के लिए अधिकारियों को नामित करने का आग्रह किया है। 2018 में हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड व जम्मू-कश्मीर के सरकारी फार्मों के आलू में सिस्ट निमेटोड रोग मिला था। इन सरकारी फार्मों ने सीपीआरआई शिमला से बीज लिया था। रोग मिलने पर 6 साल पहले सीपीआरआई में उत्पादन पर केंद्र सरकार ने रोक लगा दी थी। वैज्ञानिकों ने लंबे परीक्षणों के बाद उपचार तलाश लिया है। अब केंद्र से मंजूरी के बाद इस साल से कुफरी व फागू फार्म में कुफरी ज्योति, कुफरी हिमालनी, कुफरी गिरधारी और कुफरी करण किस्मों का बीज तैयार हो रहा है। अप्रैल और मई में बीज तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। पांच महीने में बीज तैयार होगा और नवंबर तक राज्यों को बीज मिलने लगेगा। सीपीआरआई के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. अश्वनी शर्मा ने बताया कि नवंबर तक बीज तैयार कर लिया जाएगा। बीज को खोदाई के बाद एक प्रकार का ब्लीचिंग एजेंट सोडियम हाइपोक्लोराइट (2प्रतिशत) के घोल में 30 मिनट डुबोकर रखने के बाद दो बार पानी से धाेकर छाया वाले क्षेत्र में सुखाने के बाद भंडारण किया जाना चाहिए। इससे बीज की गुणवत्ता और अंकुरण क्षमता पर प्रतिकूल असर नहीं पड़ता। घोल12 बार उपयोग कर सकते हैं। सीपीआरआई में ब्रीडर बीज तैयार करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। रोग के उपचार के लिए सीपीआरआई एक दिन का प्रशिक्षण हिमाचल, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर के अधिकारियों को जुलाई में देगा।