हिमाचल: मेडिकल कॉलेजों के वार्डों में भर्ती नहीं होंगे कोरोना मरीज
हिमाचल प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के वार्डों में अब कोरोना मरीज भर्ती नहीं होंगे और न ही ओपीडी और ऑपरेशन थियेटर बंद होंगे। अस्पतालों में इन मरीजों को अलग से रखने की व्यवस्था होगी। मेडिकल कॉलेज में संक्रमण न फैले और स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित न हों, इसके चलते यह व्यवस्था की जा रही है। इन मरीजों को मेक शिफ्ट अस्पतालों के अलावा अलग से वार्ड स्थापित करने की व्यवस्था होगी। स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को इसके बारे में अवगत करा दिया है। आईजीएमसी के नए ओपीडी ब्लॉक में कोरोना मरीजों को भर्ती करने के लिए एक या दो फ्लोर रखे जा रहे हैं। इन वार्डों में भर्ती मरीजों के लिए डॉक्टर शिफ्टों में सेवाएं देंगे। सरकार ने ये भी निर्णय लिया है कि मेेडिकल कॉलेज में ओपीडी बंद नहीं होंगे। डॉक्टर मास्क लगाकर मरीजों के स्वास्थ्य की जांच करते रहेंगे। प्रदेश के सभी 6 मेडिकल कालेजों में ऑपरेशन चलते रहेंगे। सरकार ने संक्रमित मरीजों के लिए 70 एंबुलेंसों को स्पेयर रखा है। यह 108 और 102 एंबुलेंस घर पर आइसोलेट मरीजों को अस्पताल तक पहुंचाएंगी।
राज्य में चार में से तीन मेक शिफ्ट अस्पताल बनकर तैयार हैं। इसमें नालागढ़, शिमला आईजीएमसी, टांडा मेडिकल कॉलेज में भी मेक शिफ्ट अस्पताल शुरु हो चुके हैं। यहीं कोरोना मरीजों का उपचार किया जा रहा है। नेरचौक मेडिकल कॉलेज में अभी मेक शिफ्ट अस्पताल तैयार नहीं हुआ है। बता दें प्रदेश में कोरोना के सैंपल लेने का ग्राफ गिरा है। सरकार ने मेडिकल कॉलेजों और सीएमओ को प्रतिदिन 10 हजार सैंपल लेने को कहा है। छुट्टियों के चलते प्रदेश में पांच हजार से ज्यादा सैंपल नहीं लिए जा रहे।