हिमाचल में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, सेवानिवृत्ति की आयु सीमा बढ़ाने पर लगी रोक

हिमाचल प्रदेश में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के लिए सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने एक नया मोड़ ले लिया है, जिससे पूरे राज्य में कानूनी और प्रशासनिक हलचल मच गई है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में हिमाचल हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु सीमा 58 से बढ़ाकर 60 वर्ष करने का निर्णय लिया गया था। यह फैसला कर्मचारियों के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि अब उन्हें 58 वर्ष की उम्र में ही सेवा समाप्त करनी पड़ेगी। इससे न केवल उनकी पेंशन और लाभ पर असर पड़ेगा, बल्कि उन परिवारों के सपनों पर भी असर पड़ेगा जो सेवा विस्तार की उम्मीद में थे। इससे पहले, हाईकोर्ट ने 2018 की सरकार की अधिसूचना को खारिज कर दिया था, इसे भेदभावपूर्ण मानते हुए। अदालत ने कहा कि 10 मई 2001 से पहले और बाद में नियुक्त कर्मचारियों के बीच अंतर करना संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है। इस फैसले ने यह सवाल उठाया कि क्या सरकार की नीतियां वास्तव में न्याय के सिद्धांतों पर खड़ी होती हैं या नहीं। अब सुप्रीम कोर्ट की रोक ने इस विवाद को और गहरा कर दिया है। इस फैसले के बाद, उच्च शिक्षा निदेशालय ने सभी जिला उपनिदेशकों को निर्देश जारी किए हैं कि जब तक सुप्रीम कोर्ट का आदेश लागू है, तब तक 58 वर्ष की आयु पूरी करने वाले कर्मचारियों को सेवा विस्तार नहीं दिया जाएगा।