हिमाचल हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: अब मातृत्व अवकाश पर भी मिलेगा पूरा वेतन और फायदा!

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने एक बहुत ही अहम फैसला सुनाया है, जिससे नौकरीपेशा महिलाओं को बड़ी राहत मिलेगी। कोर्ट ने साफ कहा है कि मातृत्व अवकाश (बच्चे के जन्म के लिए ली गई छुट्टी) के कारण किसी भी महिला कर्मचारी को ज्यादा वेतन या दूसरे फायदों से वंचित करना गलत और गैर-संवैधानिक है। एक महिला क्लर्क दो साल की अपनी नौकरी पूरी करने से पहले ही मातृत्व अवकाश पर चली गई थीं। नियमों के हिसाब से, दो साल पूरे होने पर उन्हें ज्यादा वेतन मिलना था। लेकिन, सरकार ने उन्हें इस छुट्टी पर होने की वजह से वो बढ़ा हुआ वेतन देने से मना कर दिया। महिला कर्मचारी ने सरकार के इसी फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर और न्यायाधीश रंजन शर्मा की बेंच ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि मातृत्व अवकाश कोई बीमारी या मनोरंजन की छुट्टी नहीं है। यह एक महिला के लिए अपनी प्राकृतिक जिम्मेदारी निभाने के लिए ली गई एक बहुत ज़रूरी छुट्टी है। कोर्ट ने यह भी साफ किया कि मातृत्व अवकाश की अवधि को कर्मचारी की नौकरी से बाहर नहीं माना जा सकता। इस दौरान भी महिला कर्मचारी को ड्यूटी पर ही माना जाएगा और उसे नौकरी से जुड़े सभी फायदे मिलेंगे। कोर्ट ने यह भी कहा कि कोई भी नियम ऐसा नहीं है जो ये कहता हो कि मातृत्व अवकाश पर रहने वाली महिला कर्मचारी को वेतन वृद्धि नहीं मिलेगी।
हाईकोर्ट ने सरकार के 1 जुलाई 2019 के उस फैसले को रद्द कर दिया, जिसमें महिला को ज्यादा वेतनमान का फायदा नहीं दिया गया था। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि महिला कर्मचारी को 12 मई 2019 से लेकर 15 जुलाई 2025 तक, बढ़ी हुई सैलरी और नौकरी के सभी फायदे, 6% प्रति वर्ष की ब्याज दर के साथ, दिए जाएं।