हिमाचल प्रदेश बेरोजगार कलाध्यापक संघ ने एसएमसी को कोटा देने पर किया विरोध

गत दिनों हुई शिक्षा विभाग की ओर से नोटिफिकेशन जिसमें आर एंड पी रूल में संशोधन किया गया है। और उसमें कलाध्यापक (ड्राइंग) टीचर के बैच वाइज में एसएमसी को 5% कोटा देने पर बेरोजगार कलाध्यापक संघ ने कड़ा विरोध विरोध किया है। संघ के अध्यक्ष बलवंत सिंह तथा उपाध्यक्ष जगदीश ठाकुर तथा समस्त संघ के पदाधिकारीयों ने तथा जिला की समस्त कार्यकारिणियों ने माननीय मुख्यमंत्री जी,तथा माननीय शिक्षा मंत्री जी,व शिक्षा विभाग के सचिव वह निदेशक से अनुरोध किया है। कि कला अध्यापक की बैच वाइज में छेड़खानी ना की जाए। और जो 5% एसएमसी को एंट्री करने के लिए आपने आर एंड पी रूल में संशोधन किया है! उसको तुरंत निरस्त किया जाए संघ ने कहा है कि हम पहले ही 20,000 के करीब बेरोजगार पिछले 20 सालों से हर दिन सरकार के आगे रोजगार पाने के लिए माथापच्ची बच्ची कर रहे हैं। और अपनी उम्र को खोते हुए निकल रहे हैं। जिसमें लगभग कई बेरोजगार तो नौकरी पाने से पहले ही रिटायर्ड हो गए हैं। जिनकी उम्र 58 से ऊपर हो चुकी है। संघ के अध्यक्ष श्री बलवंत सिंह ने कहा है। कि जब हम सौ बच्चों की कंडीशन समाप्त करने के लिए पिछले 10 सालों से शिमला के चक्कर काट रहे हैं। और हर जगह मंत्री विधायकों मुख्यमंत्री शिक्षा मंत्री सहित शिक्षा विभाग के आला अफसरों से मांग कर रहे हैं। जो हिमाचल प्रदेश के सरकारी मिडिल स्कूलों में 100 बच्चों की कंडीशन लगी है उसको समाप्त करें। हालांकि इसके दिशानिर्देश माननीय मुख्यमंत्री जी ने भी शिक्षा विभाग को किये हैं। तब सरकार और शिक्षा विभाग इसमें संशोधन नहीं कर पा रही है। लेकिन जो बैक डोर एंट्री भर्ती हुई है। चाहे वह किसी भी वर्ग की हो पैरा टीचर्स पीटीए एसएमसी उनके लिए सरकार के पास समय भी है। और आर एंड पी रूल में संशोधन करने के लिए नियम भी हैं। लेकिन बेरोजगार जो हर बार सरकारों का साथ देते हैं। और रोजगार पाने के लिए उनका समर्थन करते हैं। उनके लिए ना तो सरकारों के पास रोजगार देने के लिए पैसा है। और ना ही कोई नियम, हम बेरोजगारों को ध्यान में रख कर बदला जा रहा है,बल्कि जो लोग अन्य रास्ते से लगे हैं उनके लिए सरकार संवेदनशील है,जिसके कारण बेरोजगारों का शोषण हो रहा है।हिमाचल प्रदेश बेरोजगार कलाध्यापक संघ ने माननीय मुख्यमंत्री श्री सुखविंदर सिंह सुक्खू जी,और उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री जी तथा शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर जी वह शिक्षा विभाग के सचिव से प्रार्थना की है । कि आप हमारे 50% बैच वाइज में छेड़खानी ना करें बल्कि हमारी मांगों पर गौर करें। संघ ने कहा है की एसएमसी को आप अपने स्तर पर कॉन्ट्रैक्ट करें या रेगुलर करें उससे हमें कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन हमारे बीच में लाकर हमारा बैच वाइज का 5% कोटा कम ना करें। क्योंकि हमारी पहले ही स्थिति बहुत खराब कर के रखी है। और अब इससे ज्यादा ना करें क्योंकि हम पहले ही तनाव झेल रहे हैं और तनाव में ना डालें। और आपसे उम्मीद करते हैं कि आप हमारी विनती को जरूर सुनेंगे संघ ने कहा है कि अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो विवश होकर हमें भी शिमला में आकर धरना प्रदर्शन करना पड़ेगा । संघ के उपाध्यक्ष जगदीश ठाकुर तथा सचिव विजय चौहान और कोषाध्यक्ष शक्ति प्रसाद मीडिया प्रभारी अशोक कुमार तथा सीमा शर्मा बबीता ठाकुर,अंजू, कविता सुखराम सन्तोष नानटा ने सरकार से अनुरोध किया है। कि स्कूलों को मर्ज ना करें बल्कि उनमें शिक्षकों की भर्ती करें तथा शिक्षा का सुधार करें संघ ने कहा है कि हम हर बार आपसे मांग कर रहे हैं कि हिमाचल प्रदेश के समस्त शिक्षा विभाग के कर्मचारीयों टीचरों को निर्देश करें कि वह अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाएं। इससे एक तो स्कूलों में बच्चों की स्ट्रेंथ बढ़ेगी और दूसरी तरफ दूसरे लोग भी देख कर अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में डालेंगे। विडंबना की बात तो यह है कि हिमाचल प्रदेश के सरकारी स्कूलों में लगे हुए टीचर खुद लाख रुपए से ऊपर तक सैलरी ले रहे हैं । और अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में डाल रहे हैं। न जाने उनको सरकारी स्कूल अच्छे नहीं लगते हैं। या फिर उनको अपने खुद पढ़ाने पर विश्वास नहीं है। इसलिए संघ माननीय मुख्यमंत्री जी,और शिक्षा मंत्री जी,तथा शिक्षा सचिव से अनुरोध करता है। कि सभी टीचरों और जो भी शिक्षा विभाग का आल स्टाफ है उसको निर्देश जारी करें। वो अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढाएं। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो बेरोजगार यूनियन इसका भी विरोध करेगी।