हिमाचल में शिक्षकों का ऑनलाइन कार्य बहिष्कार का ऐलान, निलंबित शिक्षकों की बहाली की मांग

हिमाचल प्रदेश में राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ अब आर-पार के मूड में नज़र आ रहा है। अपनी मांगों को लेकर बीते 23 दिनों से शिमला के शिक्षा निदेशालय के प्रांगण में क्रमिक अनशन कर रहे शिक्षकों का धैर्य अब जवाब दे रहा है। मंडी में मीडिया से बातचीत करते हुए शिक्षक नेताओं ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि वे अपनी जेब से मोबाइल और नेटवर्क का इस्तेमाल करके ऑनलाइन शिक्षण, मिड-डे मील का प्रबंधन और ऑनलाइन उपस्थिति जैसे सभी सरकारी कार्य बखूबी निभा रहे हैं। इस दौरान शिक्षक संघ के कई महत्वपूर्ण पदाधिकारी और खंड अध्यक्ष भी मौजूद रहे। शिक्षक संघ ने अब सरकार को सीधे कानूनी नोटिस भेज दिया है। वकील के माध्यम से भेजे गए इस नोटिस में शिक्षा विभाग को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया है, जबकि कानूनी तौर पर 7 दिन के भीतर मांगों पर कार्रवाई करने की बात कही गई है। यदि इस अवधि में उनकी मांगें अनसुनी रहीं, तो शिक्षक ऑनलाइन कार्यों का पूर्ण बहिष्कार करने के लिए बाध्य होंगे। इसके साथ ही, संघ ने निलंबित किए गए शिक्षकों की तत्काल बहाली की भी पुरजोर मांग उठाई है।
शिक्षकों का कहना है कि 23 दिनों के लंबे अनशन के बावजूद न तो प्रदेश सरकार और न ही शिक्षा विभाग के किसी भी अधिकारी ने उनसे कोई बातचीत की है, जो उनकी मांगों के प्रति सरकार की उदासीनता को दर्शाता है। शिक्षक संघ ने अब चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया, तो वे आमरण अनशन जैसे कठोर कदम उठाने से भी पीछे नहीं हटेंगे। अपनी आवाज को बुलंद करने के लिए प्रदेश के सभी जिलों में प्रेस वार्ताएं आयोजित की जा रही हैं, ताकि सरकार और जनता तक उनकी बात पहुंच सके।