नवोदय विद्यालय भर्ती परीक्षा में नकल का बड़ा रैकेट उजागर, शिमला में 40 गिरफ्तार

देशभर में नवोदय विद्यालय समिति (NVS) के गैर-शिक्षण पदों के लिए चल रही भर्ती परीक्षा में एक बड़े नकल गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। शिमला के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर पुलिस ने छापेमारी करते हुए लगभग 40 अभ्यर्थियों को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ पकड़ा है। इनमें से अधिकांश अभ्यर्थी हरियाणा के बताए जा रहे हैं। इस सनसनीखेज मामले में पुलिस ने पांच अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर गहन जांच शुरू कर दी है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए, एएसपी शिमला के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल (SIT) का गठन किया गया है। प्रारंभिक जांच से पता चला है कि यह गिरोह अभ्यर्थियों को माइक्रो चिप और ब्लूटूथ डिवाइस के माध्यम से नकल करवा रहा था और इसके एवज में लाखों रुपये की वसूली की गई थी। अनुमान है कि इस संगठित नकल के खेल में करोड़ों रुपये की डील हुई है। यह भर्ती परीक्षा स्टेनोग्राफर, मेस हेल्पर, जेएसए, फार्मासिस्ट, स्टाफ नर्स और अन्य गैर-शिक्षण पदों की कुल 1,377 रिक्तियों को भरने के लिए आयोजित की जा रही है। जिस पैमाने पर नकल हो रही थी, उससे परीक्षा के पेपर लीक होने की आशंका भी बलवती हो रही है।
बाथरूम बना नकल का अड्डा, पर्यवेक्षकों की सतर्कता से खुला राज
जानकारी के अनुसार, NVS के गैर-शिक्षण पदों के लिए 14 से 19 मई तक परीक्षाएं आयोजित की गईं। रविवार को न्यू शिमला के एक परीक्षा केंद्र पर सुबह 7 बजे अभ्यर्थी परीक्षा देने पहुंचे। तलाशी और मेटल डिटेक्टर से गुजरने के बाद सभी अभ्यर्थी परीक्षा हॉल में दाखिल हुए। परीक्षा सुबह 9:30 से 12:00 बजे तक निर्धारित थी। परीक्षा शुरू होने के कुछ देर बाद एक अभ्यर्थी ने वॉशरूम जाने की अनुमति मांगी, जिसे पर्यवेक्षक ने दे दी। थोड़ी देर बाद उसी अभ्यर्थी ने दोबारा वॉशरूम जाने की इच्छा जताई, जिससे स्टाफ को संदेह हुआ। फिर भी उसे जाने दिया गया, लेकिन पर्यवेक्षक उस पर नज़र रखने के लिए वॉशरूम के बाहर पहुंचे, जहाँ दरवाजा अंदर से बंद था। इससे पर्यवेक्षकों का शक गहरा गया और उन्होंने उस अभ्यर्थी की दोबारा तलाशी ली। इस बार उसके सीने से एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद हुआ। गहन जांच करने पर उसके कान से एक छोटा माइक्रो कैप्सूल (ब्लूटूथ डिवाइस) भी मिला।
इस खुलासे के बाद पर्यवेक्षकों ने पूरे परीक्षा केंद्र में मौजूद सभी अभ्यर्थियों की तलाशी ली, जिसमें 10 अभ्यर्थियों के पास से इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद हुए। पर्यवेक्षकों की टीम ने तुरंत परीक्षा आयोजित करने वाली सीबीएसई की सी-टेट यूनिट को ईमेल के माध्यम से सूचित किया। सीबीएसई ने सभी पकड़े गए अभ्यर्थियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के निर्देश दिए। सूत्रों के अनुसार, शिमला के लगभग आठ केंद्रों से करीब 40 अभ्यर्थियों को इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के साथ पकड़ा गया है। पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ पांच अलग-अलग एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। शिमला के एसएसपी संजीव कुमार गांधी ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए एएसपी की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन कर जांच शुरू कर दी गई है।
भराड़ी में फर्जी अभ्यर्थी गिरफ्तार, फिंगरप्रिंट ने खोली पोल
इसी बीच, शिमला के भराड़ी स्थित एक स्कूल में NVS की गैर-शिक्षण पदों की भर्ती परीक्षा में एक और चौंकाने वाला मामला सामने आया। यहां एक अभ्यर्थी दूसरे की जगह परीक्षा देते हुए पकड़ा गया। यह धोखाधड़ी तब उजागर हुई जब आरोपी युवक के फिंगरप्रिंट संबंधित असली अभ्यर्थी के डेटा से मेल नहीं खाए। परीक्षा केंद्र के अधीक्षक की शिकायत पर पुलिस ने आरोपी युवक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। गिरफ्तार आरोपी की पहचान संदीप कुमार, निवासी थुआ, तहसील अलेवा, जिला जींद, हरियाणा के रूप में हुई है, जो अजय कुमार नामक व्यक्ति की जगह परीक्षा दे रहा था। अजय कुमार भी हरियाणा का ही रहने वाला है। यह परीक्षा शनिवार को दोपहर बाद 2:00 से 5:00 बजे के बीच आयोजित की गई थी। परीक्षा अधीक्षक ने तत्काल इसकी सूचना लक्कड़ बाजार पुलिस चौकी को दी, जिसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी है।
रात भर केंद्रों पर चली पूछताछ, बाहर इंतजार करते रहे परिजन
परीक्षा में सुबह नकल का मामला सामने आने के बाद पुलिस ने रात तक पकड़े गए अभ्यर्थियों से परीक्षा केंद्रों पर ही पूछताछ जारी रखी। इस दौरान आरोपियों से नकल गिरोह के सरगना और उनके तौर-तरीकों के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश की गई। वहीं, पकड़े गए अभ्यर्थियों के परिजन पूरी रात परीक्षा केंद्रों के बाहर উৎকंठा से इंतजार करते रहे। परीक्षा आयोजित करवाने आई सीबीएसई की टीम के सदस्य और पर्यवेक्षक भी केंद्रों पर मौजूद रहे। पुलिस ने नकल के लिए इस्तेमाल किए गए सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त कर लिया है और मामले की तह तक जाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।