मांग : पे फिक्सेशन हेतु पंजाब की तर्ज पर मिले तीनों गुणांक
- पदनाम बदलने की मांग भी कर रहा हिमाचल प्रदेश अस्पताल फार्मासिस्ट संघ
हिमाचल प्रदेश अस्पताल फार्मासिस्ट संघ ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि फार्मासिस्टों का 2 साल का प्रोबेशन समय समाप्त किया जाए। फार्मासिस्ट लगभग साढ़े 9 वर्ष का अनुबंध काल पूरा कर नियमित हुए हैं। इसके अलावा इन फार्मासिस्टों को सितंबर 2012 से 16290 बेसिक के हिसाब से वेतन दिया जाना चाहिए।
वहीं पंजाब की तर्ज पर पे फिक्सेशन के लिए तीनो गुणांक भी दिए जाए ताकि रिकवरी से बचा जा सके। इनकी मांग है कि इनका पदनाम भी फार्मासिस्ट से फार्मेसी अफसर और चीफ फार्मासिस्ट से चीफ फार्मेसी अफसर किया जाए।
संघ के अध्यक्ष चमन ठाकुर व महासचिव मनोज शर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग में सितंबर 2002 में अनुबंध आधार पर 71 फार्मासिस्टों की भर्ती हुई थी जो कि अब 50 ही रह गए हैं। इनकी भर्ती हिमाचल प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड हमीरपुर से 4550 रुपये प्रतिमाह वेतन पर हुई थी। लगभग साढ़े नौ साल बाद जनवरी 2012 में नियमित हुए। इनको 11470 बेसिक पर नियमित किया गया। सितंबर 2012 में पंजाब की तर्ज पर वेतन आयोग की सिफारिशों का हिमाचल प्रदेश में पुन: निर्धारण किया गया था। इसमें इनिशियल वेतन पंजाब की तर्ज पर 16290 न देकर 14500 रुपये दो साल के राइडर के बाद मिला। अब हिमाचल प्रदेश सरकार ने जो पंजाब पे कमीशन के हिसाब से अधिसूचना जारी की है, उस तर्ज पर दोनों गुणांकों 2.25 और 2.59 से इन फार्मासिस्टों को लगभग दो लाख की रिकवरी देनी पड़ जाएगी और यदि 15 फीसदी वेतन वृद्धि का विकल्प भी होता है तब भी इस बेसिक के हिसाब से रिकवरी देनी होगी। संघ ने सरकार से मांग की है कि इनकी मांगों का निवारण जल्द से जल्द किया जाए।