धरना देने को मजबूर हुए पेंशनर्स, कुछ तो सुध लो सरकार
फर्स्ट वर्डिक्ट. शिमला
पूरी उम्र सरकार के लिए जिन कर्मचारियों ने काम किया, आज बुढ़ापे में उन्हीं का साथ सरकार ने छोड़ दिया। ये कहना है हर महीने अपनी पेंशन का इंतज़ार करने को मजबूर हुए एचआरटीसी के पेंशनरों का। लम्बे समय तक सरकारी दफ्तरों और विधायकों - मंत्रियों के कार्यालयों के चक्कर काटने के बाद अब ये पेंशनर अपनी मांगों को मनवाने के लिए इस उम्र में धरना देने को मजबूर है। इन पेंशनरों ने अब सरकार व निगम प्रबंधन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हाल ही में प्रदेश भर से आए पेंशनरों ने वित्तीय लाभ जारी न करने को लेकर एचआरटीसी मुख्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन और जमकर नारेबाजी की। इस दौरान पेशनरों ने धरना प्रदर्शन कर निगम प्रबंधन व सरकार को चेताया कि यदि मांगे पूरी नहीं होती तो आंदोलन तेज होगा, वहीं यह भी कहा कि यदि मांगे पूरी नहीं की तो आगामी आठ जून को प्रदेश भर से हजारों पैंशनर्ज व उनके परिवार सदस्य सचिवालय का घेराव करेंगे। एचआरटीसी संयुक्त समन्वय समिति ने भी पेंशनरों के आंदोलन को समर्थन का ऐलान किया है। ऐसे में निगम के 13,000 सेवारत और 7,000 सेवानिवृत्त सहित 20,000 कर्मियों के मांगों को लेकर एक मंच पर आ गए है।
दरअसल एचआरटीसी के पेंशनरों को समय पर उनकी पेंशन नहीं मिल पा रही है जिससे पेंशनर काफी परेशान चल रहे है। पेंशनर्स कल्याण संगठन के अध्यक्ष केसी चमन ने कहा कि एचआरटीसी पेंशनर्स के साथ निगम प्रबंधन व सरकार द्वारा वित्तीय लाभ नहीं दिए जा रहे हैं। निगम के पेंशनरों ने कई सालों तक प्रदेश के लोगों की सेवा की है और कठिन परिस्थितियों में भी अपनी सेवाएं जारी रखी है। लेकिन जब आज सरकार से अपने हक की कमाई का पैसा मांगा जा रहा है, तो सरकार आश्वासन पर आश्वासन दे रही है। उन्होंने कहा कि वित्तीय लाभ जारी न करने पर दो अक्टूबर, 2021 को अतिरिक्त मुख्य सचिव परिवहन के साथ बैठक हुइ थी। बैठक में समझौता हुआ था कि जल्द से जल्द पेंशनरों को वित्तीय लाभ दिए जाएंगे, पर सरकार अपने वादों को पूरा नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि पेंशनरों के सब्र का बाँध अब टूट गया है।
विधानसभा चुनाव में भुगतना होगा खामियाजा : सत्यप्रकाश
संगठन के प्रांतीय प्रधान सत्य प्रकाश शर्मा ने कहा कि पेंशनरों की हालत दिन-प्रतिदिन खराब हो रही है। जहां कर्मचारियों को समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा है, वहीं पेंशनरों को समय पर पेंशन नहीं मिल रही है, जिससे प्रदेश के 7500 पेंशनरों को खराब आर्थिक स्थिति से जूझना पड़ रहा है। उन्होंने कहा की निगम प्रशासन और सरकार उनकी मांगों को लेकर गंभीर नहीं है। उन्होंने सरकार को चेताया कि पेंशनरों की अनदेखी विधानसभा चुनाव में सरकार पर भारी पड़ेगी। सरकार की उपेक्षा के कारण पेंशनरों का शोषण हो रहा है और वरिष्ठ नागरिकों को आंदोलन के लिए सड़कों पर उतरना पड़ रहा है। एचआरटीसी पर पेंशनरों की 350 करोड़ों की वित्तीय देनदारियां लंबित हैं।
पेंशनरों की मुख्य मांगें :
- महीने के पहले हफ्ते में जारी हो पेंशन
- मेडिकल बिलों का समय पर भुगतान
- 5, 10 और 15 फीसदी पेंशन वृद्धि का लाभ
- 2015 से ग्रेच्युटी सहित अन्य भत्तों का भुगतान