अहमदाबाद विमान हादसा: पीएम मोदी ने दुर्घटना स्थल का दौरा कर दुख जताया, 265 जिंदगियां खत्म, एक ही बचा जीवित

अहमदाबाद: अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 बुधवार, 12 जून को उड़ान भरने के चंद मिनटों बाद ही मेघाणी नगर इलाके में क्रैश हो गई। इस भीषण हादसे में विमान में सवार 242 यात्रियों और क्रू सदस्यों में से केवल एक ब्रिटिश नागरिक रमेश विश्वास कुमार ही जीवित बच पाए हैं, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। इस त्रासदी के बाद देश में शोक की लहर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को अहमदाबाद पहुंचकर दुर्घटनास्थल का दौरा किया। उन्होंने तबाही के मंजर को 'दुखद' बताया और अधिकारियों व बचाव कार्यों में जुटी टीमों से मुलाकात कर स्थिति का जायजा लिया। इसके बाद पीएम मोदी सिविल अस्पताल भी गए, जहां उन्होंने हादसे में जीवित बचे रमेश विश्वास कुमार से मुलाकात कर उनका हाल जाना। रमेश ने पीएम को बताया कि उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद ही एक जोरदार आवाज आई और उसके बाद प्लेन क्रैश हो गया। प्रधानमंत्री ने हादसे में घायल हुए अन्य लोगों से भी मुलाकात कर उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।
प्रधानमंत्री ने जताया गहरा दुख:
इस अकल्पनीय त्रासदी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने अपने एक्स हैंडल पर सिलसिलेवार ट्वीट करते हुए कहा, "अहमदाबाद में हुए हवाई हादसे से हम सभी स्तब्ध हैं। इतने सारे लोगों की अचानक और दिल दहला देने वाली मौत को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। सभी शोक संतप्त परिवारों के प्रति हमारी संवेदना। हम उनके दर्द को समझते हैं और यह भी जानते हैं कि उनके पीछे जो खालीपन रह गया है, उसे आने वाले कई सालों तक महसूस किया जाएगा। ओम शांति।" उन्होंने तबाही के मंजर को दुखद बताते हुए कहा कि उनकी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं जिन्होंने इस अकल्पनीय त्रासदी में अपने प्रियजनों को खो दिया है। एयर इंडिया की AI-171 फ्लाइट ने बुधवार दोपहर 1.38 बजे सरदार वल्लभ भाई पटेल एयरपोर्ट से लंदन के लिए उड़ान भरी थी। टेक-ऑफ के बाद विमान केवल 625 फीट की ऊंचाई तक ही पहुंच पाया था कि अचानक उसका संतुलन बिगड़ने लगा। एक जोरदार आवाज के साथ विमान तेजी से नीचे आया और दोपहर 1.40 बजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल से टकराकर क्रैश हो गया, जिससे एक भीषण धमाका हुआ। इस हादसे में अब तक 265 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। मृतकों में भारतीय, ब्रिटिश, कनाडाई और पुर्तगाली नागरिक शामिल थे, जिसने इस त्रासदी के वैश्विक प्रभाव को उजागर किया है।