उर्जित पटेल को IMF में मिला एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर का पद, नोटबंदी इन्हीं के कार्यकाल में

भारत के पूर्व रिजर्व बैंक (RBI) गवर्नर उर्जित पटेल को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में एक बड़ा पद मिला है। उन्हें 3 साल के लिए IMF में कार्यकारी निदेशक नियुक्त किया गया है। वे अब IMF की कार्यकारी बोर्ड की बैठकों में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। उर्जित पटेल यहां भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका और भूटान के ग्रुप का नेतृत्व करेंगे। पटेल साल 2016 में RBI के 24वें गवर्नर बने थे जबकि 2018 में, कुछ व्यक्तिगत कारणों से इस्तीफा दे दिया था।
आपको बता दें कि इस बोर्ड में IMF के 24 कार्यकारी निदेशक होते हैं। ये कार्यकारी निदेशक संस्था के रोजमर्रा के कार्यों पर नजर बनाये रहते हैं और इससे सम्बंधित महत्वपूर्ण फैसले लेते हैं।
उर्जित पटेल ने येल विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में पीएचडी, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय से एम.फिल. और लंदन विश्वविद्यालय से बी.एस.सी. की डिग्री हासिल की है।
उनकी भूमिकाएं
उर्जित पटेल IMF में 5 साल तक काम किया है। पहले वाशिंगटन डी.सी. और फिर 1992 में दिल्ली में IMF के उप-निवासी प्रतिनिधि के तौर पर उन्होंने कार्य किया। RBI गवर्नर से पहले, वह RBI के डिप्टी गवर्नर भी रहे हैं, जहां उन्होंने मौद्रिक नीति और शोध जैसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी को संभाले। 1998 से 2001 तक वे वित्त मंत्रालय में सलाहकार भी रह चुके हैं। वे रिलायंस इंडस्ट्रीज, आईडीएफसी लिमिटेड, एमसीएक्स लिमिटेड और गुजरात राज्य पेट्रोलियम निगम समेत सरकारी और प्राइवेट क्षेत्रों में भी काम कर चुके हैं।
यह नियुक्ति महत्वपूर्ण क्यों
यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है, जब भारत ने पाकिस्तान के लिए IMF के बेलआउट कार्यक्रमों का लगातार विरोध किया है और चिंता जाहिर की है कि इस्लामाबाद इस धन का उपयोग युद्ध और सीमा पार आतंकवाद को बढ़ाने के लिए कर सकता है। आपको बता दें कि हाल ही में, IMF बोर्ड ने एक मौजूदा बहु-वर्षीय कार्यक्रम के तहत पाकिस्तान को 1 अरब डॉलर का ऋण देने के लिए सहमति दी थी।