संसद में आज वक्फ संशोधन विधेयक पर आज होगी चर्चा, हंगामे की संभावना

आज संसद में राजनीतिक तापमान चरम पर रहेगा क्योंकि लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक, 2025 को दोपहर 12 बजे पेश किया जाएगा। केंद्र सरकार ने वक्फ बोर्ड की शक्तियों को नियंत्रित करने और संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से इस विधेयक को लाया है। सरकार और विपक्ष दोनों ने इस मुद्दे पर अपनी-अपनी रणनीतियां बना ली हैं, जिससे संसद में गरमागरम बहस और हंगामे की संभावना जताई जा रही है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इस पर चर्चा के लिए 8 घंटे का समय निर्धारित किया है, हालांकि विपक्ष ने 12 घंटे की मांग की थी, जिसे सरकार ने ठुकरा दिया। चर्चा के बाद बिल को पारित करने की प्रक्रिया शुरू होगी और फिर इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। चूंकि राज्यसभा में एनडीए के पास बहुमत नहीं है, सरकार को अपने सहयोगी दलों और कुछ अन्य सांसदों का समर्थन जुटाना होगा। वहीं, विपक्ष की ओर से विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) या स्थायी समिति के पास भेजने की मांग उठ सकती है, जैसा कि अगस्त 2024 में भी हुआ था। अगर दोनों सदनों से विधेयक पारित हो जाता है, तो इसे राष्ट्रपति की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की सहमति मिलने के बाद यह कानून बन जाएगा और वक्फ बोर्ड के प्रबंधन, संपत्तियों के नियमन और अन्य प्रस्तावित बदलाव लागू हो जाएंगे। सरकार ने अपने सभी सांसदों को तीन लाइन का व्हिप जारी किया है, जिसमें उन्हें आज सदन में मौजूद रहने का निर्देश दिया गया है। इसका उद्देश्य है कि बजट सत्र के समापन से पहले, यानी 4 अप्रैल तक, इस विधेयक को दोनों सदनों से पास कराया जाए।
वहीं, विपक्षी दल जैसे कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) इस बिल का कड़ा विरोध कर रहे हैं। विपक्ष का कहना है कि यह विधेयक असंवैधानिक है और अल्पसंख्यकों के अधिकारों पर सीधा हमला है। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इसे मुस्लिम समुदाय को कमजोर करने की साजिश बताया है। बिल में कुल 44 संशोधन प्रस्तावित हैं, जिनमें वक्फ बोर्ड की असीमित शक्तियों को कम करना, गैर-मुस्लिम सदस्यों को बोर्ड में शामिल करना, और संपत्ति विवादों के निपटारे के लिए कलेक्टर को अधिकार देना शामिल है। सरकार का दावा है कि इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और मुस्लिम महिलाओं को विशेष लाभ मिलेगा। आज संसद में सुबह 11 बजे सत्र शुरू होगा और दोपहर 12 बजे बिल पेश किया जाएगा। विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी की संभावना है, जिससे कार्यवाही में व्यवधान आ सकता है। शाम तक चर्चा पूरी होने के बाद मतदान की प्रक्रिया शुरू होगी, जो तय करेगा कि यह विधेयक आगे बढ़ेगा या नहीं।इस राजनीतिक मुकाबले में, सरकार और विपक्ष के बीच का यह टकराव न केवल संसद के भीतर, बल्कि देशभर में भी चर्चाओं का केंद्र रहेगा।