हिमाचल प्रदेश में केवल 346 कर्मचारी ही रहना चाहते हैं एनपीएस में

पुरानी पेंशन स्कीम को लागू करने को कर्मचारियों को दिए गए विकल्प चुनने के अवसर की अवधि सोमवार को खत्म हो गई। बीते चार मई को जब इसकी अधिसूचना जारी की गई थी तो उसमें दो महीने का वक्त दिया गया था। हिमाचल प्रदेश में केवल 346 कर्मचारी ही राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली यानी एनपीएस में रहना चाहते हैं। करीब 1.18 लाख कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन योजना यानी ओपीएस को चुना है। राज्य सरकार के वित्त विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एनपीएस में रहने के लिए केवल 346 कर्मचारियों की ओर से विकल्प चुने जाने की पुष्टि की है। ओपीएस के तहत कर्मचारियों के जीपीएफ खाते खोलने की रफ्तार अभी ढीली चल रही है। अभी तक करीब 5,000 कर्मचारियों के खाते ही खोले गए हैं। हालांकि, वित्त विभाग का कहना है कि इसका ओपीएस देने में कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
गौरतलब है कि पुरानी पेंशन स्कीम कांग्रेस सरकार की पहली गारंटी में शामिल है। राज्य सरकार ने इसे पहली कैबिनेट बैठक में ही लागू करने की मंजूरी दी थी। उसके बाद ओपीएस को लागू करने से संबंधित इन तमाम औपचारिकताओं को पूरा किया जा रहा है।