लोकतंत्र पर PM मोदी के जवाब पर सियासत
पीएम मोदी की अमेरिकी यात्रा पर सियासी वार-पलटवार शुरू हो गया है। कांग्रेस ने पीएम के लोकतंत्र से जुड़े जवाब को निराशाजनक बताया है। वहीं, भाजपा का कहना है कि पीएम मोदी ने एक गिरोह के मकसदों पर पानी फेर दिया।
दरअसल अपनी यात्रा के दूसरे दिन पीएम मोदी व्हाइट हाउस पहुंचे, जहां उनकी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की द्विपक्षीय बातचीत हुई। इसके बाद दोनों नेताओं ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान अमेरिकी मीडिया ने भारत में लोकतंत्र, मानवाधिकार और अल्पसंख्यकों की स्थिति को लेकर सवाल किया। इसका पीएम मोदी ने करारा जवाब दिया।
ये था सवाल :
पीएम मोदी से एक महिला पत्रकार ने पूछा था कि लोग कहते हैं भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। बहुत सारे मानवाधिकार संगठन हैं जो कहते हैं कि आपकी सरकार धार्मिक अल्पसंख्यकों के साथ भेदभाव करती है और अपने आलोचकों को चुप कराती है। आप और आपकी सरकार मुस्लिम और अन्य अल्पसंख्यकों की रक्षा करने और फ्री स्पीच को बनाए रखने के लिए क्या कदम उठाना चाहेगी?
पीएम ने दिया ये जवाब
इस पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा " मुझे आश्चर्य हो रहा है कि आप कह रहे हैं कि लोग कहते हैं..लोग कहते ही नहीं, बल्कि भारत लोकतंत्र है। जैसा राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों के डीएनए में लोकतंत्र है। लोकतंत्र हमारी आत्मा है.. लोकतंत्र हमारे रगों में है, लोकतंत्र को हम जीते हैं और हमारे पूर्वजों ने उसको संविधान के रूप में शब्दों में ढाला है। हमारी सरकार लोकतंत्र के मूलभूत मूल्यों पर बने हुए संविधान के आधार पर चलती है। प्रधानमंत्री ने आगे कहा था कि भारत में सरकार के जो लाभ हैं, सभी के लिए उपलब्ध हैं.. जो भी उसके हकदार हैं..सबको मिलते हैं। इसलिए, भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों में धर्म, जाति, उम्र और भू-भाग के आधार पर कोई भेदभाव नहीं है।