शिमला: मातृ-शिशु स्वास्थ्य के लिए विशेष जागरूकता अभियान की होगी शुरुआत- मुख्यमंत्री | Shimla News
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि मातृ-शिशु स्वास्थ्य एक स्वस्थ समाज और समृद्ध हिमाचल के लिए महत्वपूर्ण है और इस बारे मे लोगों को जागरूक करने के लिए प्रदेश में एक विशेष अभियान शुरू किया जाएगा। मुख़्यमंत्री ने मंगलवार को राज्य सरकार और नीति आयोग द्वारा पोषण और सहकारी संघवाद विषय पर आयोजित कार्यशाला को सम्बोधित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पोषण को एक जन आंदोलन बनाने के लिए जमीनी स्तर पर और अधिक जागरूकता लाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने पोषण जागरूकता के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण पूर्ण कर लिया है और अब 18,925 आंगनबाड़ी और 5,99,643 लाभार्थियों को पोषण ट्रैक्कर पर पंजीकृत किया जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि अति कुपोषित एवं मध्यम कुपोषित बच्चों के प्रबंधन के लिए हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन और महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से एक मानक संचालन प्रक्रिया तैयार की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हिमाचल प्रदेश को सबसे पसंदीदा पर्यटन गंतव्य बनाने के लिए कृतसंकल्प है। हिमाचल का लगभग प्रत्येक क्षेत्र प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण है, लेकिन बेहतर सम्पर्क सुविधा यहां सबसे प्रमुख चुनौती है। उन्होंनेे कहा कि 15वें वित्त आयोग ने हिमाचल प्रदेश में कांगड़ा हवाई अड्डे के विस्तार और उन्नयन के लिए 400 करोड़ रूपये, मण्डी जिला में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डे के निर्माण के लिए एक हजार करोड़ रूपये और ज्वालामुखी मंदिर के लिए पेयजल और मल निकासी योजना के सुधारीकरण के लिए 20 करोड़ रूपये की अनुशंसा की है। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक राजस्व घाटे वाला राज्य है और विभिन्न आधारभूत संरचना परियोजनाओं में निवेश के लिए राज्य के पास सीमित साधन है। ऐसे में इन परियोजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए उदार सहायता की आवश्यकता है।
राज्य मे रेल सम्पर्क बढ़ाने पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इसमें भू-अधिग्रहण सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने इस विषय पर राज्य को क्षतिपूर्ति प्रदान करने की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि इससे हिमाचल मे रेल नेटवर्क को सुदृढ़ किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने सत्त यातायात व्यवस्था को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से अपनी इलेक्ट्रिक व्हीकल पाॅलिसी तैयार की है ताकि हिमाचल प्रदेश को विद्युत गतिशीलता विकास और इलैक्ट्रिक वाहनों के निर्माण में वैश्विक केन्द्र बनाया जा सके और विद्युत चालित वाहनों के लिए सार्वजनिक एवं निजी चार्जिंग आधारभूत संरचना तैयार की जा सके। इसके लिए विद्युत चालित वाहन निर्माता उद्योगों को अनुदान और प्रोत्साहन भी दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा सामाजिक सेवा क्षेत्र में व्यय कर रही है। खाद्य एवं फल प्रसंस्करण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है ताकि किसानों और बागवानों को उनकी उपज का उचित मूल्य प्राप्त हो सके।
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