मम्मी-पापा से नहीं छिपेगा लिव-इन रिलेशनशिप का राज, उत्तराखंड में UCC लागू

लिव-इन रिलेशनशिप से पैदा बच्चे वैध, महिला को मिलेगा गुजारे भत्ते का अधिकार
उत्तराखंड में आज से यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) लागू हो गया। इसमें कई बड़े बदलाव हुए है और राज्य में अब लिव -इन रिलेशन का रजिस्ट्रेशन भी अनिवार्य है। पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान, जोड़ों को अपनी पहचान, उम्र, धर्म और आधार कार्ड जैसी जानकारी देनी होगी। इस कदम को व्यक्तिगत संबंधों को कानूनी मान्यता और जवाबदेही देने के रूप में देखा जा रहा है।
वहीँ, लिव -इन में रहने वाले जोड़े अब अपने माता-पिता या अभिभावकों से इसे छुपा नहीं पाएंगे। माता पिता की अनुमति अनिवार्य होगी और रजिस्ट्रेशन के बाद रजिस्ट्रार द्वारा इसकी सुचना उनके माता -पिता को दी जाएगी। साथ ही लिव-इन से पैदा हुए बच्चों को वैध माना जायेगा और संपत्ति में समान अधिकार मिलेगा। अगर रिश्ता समाप्त होता है,तो महिला को गुजारा भत्ते का अधिकार भी मिलेगा।
यूसीसी के तहत, यदि लिव-इन रिलेशनशिप एक महीने से अधिक समय तक चलता है और उसका पंजीकरण नहीं कराया जाता है, तो इसके लिए जुर्माना हो सकता है, जिसमें तीन महीने की कैद या 10,000 रुपये तक का जुर्माना शामिल है।