जसवां-परागपुर : अब स्वाणा गांव में बनेंगी शिपिंग कंपनियों की यूनिफार्म
विभिन्न शिपिंग कंपनियों की यूनिफार्म अब जसवां-परागपुर क्षेत्र के स्वाणा गांव में बनेंगी। समाजसेवी, नेशनल शिपिंग बोर्ड के सदस्य और वीआर मेरीटाइम के प्रबंध निदेशक कैप्टन संजय पराशर ने इस गांव में लघु उद्याेग स्थापित कर दिया है और प्रारंभिक चरण में छह मशीनों के साथ कच्चा माल भी उपलब्ध करवा दिया है। तीन कारीगर गांव में इस काम को सीखने वाले लोगों को प्रशिक्षित करेंगे। शुक्रवार को विधिवत रूप से इस उद्योग ने कार्य करना शुरू कर दिया। इस मौके पर संजय पराशर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के साधन न के बराबर हैं। यवुाओं को मजबूरी में अपने गांवों से पलायन करना पड़ता है। पिछले वर्ष जब कोरोना काल के बाद उन्होंने ग्रामीणों के हालात देखे तो पाया कि कई लोगों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा और यहां कृषि योग्य भूमि भी ऐसी नहीं कि परिवारों का गुजारा हो सके। इसी स्थिति के मद्देनजर उन्होंने इस क्षेत्र में अपनी कंपनी के तीन शाखा कार्यालय खाेले। इन कार्यालयों के माध्यम से रोजगार देने की मुहिम लगातार जारी है। इसके अलावा स्वाणा गांव में खोला गया यह लघु उद्योग भी स्थानीय स्तर पर रोजगार दिलाने में एक मील का पत्थर साबित होगा। इस यूनिट में अत्याधुनिक तकनीक वाली मशानें लगाई गई हैं ताकि कम समय में यूनिफार्म व अन्य सामान तैयार हो सके। शीघ्र ही मशीनों की संख्या बढ़ाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस उद्योग से आसपास के गांवों की महिलाओं को भी लाभ मिल सकता है और वे अपने परिवार के लिए अतिरिक्त आजीविका कमा सकती हैं। पराशर ने कहा कि उनका लक्ष्य है कि अगले पाचं वर्षों में इस उद्योग में एक सौ से ज्यादा मशीनें स्थापित हों। उद्योग के तकनीकी संचालक रियाज ने कहा कि कैप्टन संजय पराशर के विजन के कारण यह उद्योग यहां पर लग पाया है क्योंकि शहरों के मुकाबले यूनिफार्म तैयार करने का खर्च अधिक होगा इसके बावजूद पराशर की सोच यही थी कि उद्योग लगने के बाद स्थानीय स्तर पर रोजगार तो बढ़ेगा ही साथ में इस उद्योग का सारा लाभ यहां के कर्मचारियों को ही दिया जाएगा। स्थानीय पंचायत उपप्रधान राजेश शर्मा ने बताया कि स्वाणा गांव के लिए यह पराशर द्वारा बड़ा प्लेटफार्म उपलब्ध करवाया गया है और अगर सभी गांववासी इस प्रोजेक्ट को लेकर गंभीरता दिखाएं तो रोजगार के साथ गांव का नाम भी रोशन होगा। गांववासी रमेश चंद शर्मा ने भी पराशर के इस तरह के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि शिपिंग कंपनी की यूनिफार्म गांव में तैयार होना किसी सपने के सच होने जैसा है। निस्संदेह युवाओं को रोजगार मिलेगा तो गांवों की भी उन्नति होगी। कार्यक्रम में संजय पराशर की पत्नी सोनिका पराशर, वार्ड पंच भावना ठाकुर, मुकेश कुमार, संदीप कुमार चेला और कुलदीप कुमार भी उपस्थित रहे।
