शहीद धर्मेन्द्र के गांव में नहीं खुला आयुर्वेदिक अस्पताल, सड़क भी हुई खस्ताहाल

21 वर्ष बीत जाने के पश्चात भी शहीद धर्मेन्द्र के नाम बुघार-कनैता में आयुर्वेदिक चिकित्सालय नहीं खुल पाया। इतना ही नहीं शहीद के गांव बुघार-कनैता के लिए बनी सड़क की हालत इतनी खस्ता हो गई है कि दो पहिया वाहन चालक कई बार चोटिल हो चुके हैं। सड़क में जगह जगह गढ्ढे व सारी टायरिंग उखड़ चुकी है।
गौरतलब है कि 30 जून 1999 को कारगिल भारत-पाक युद्ध के दौरान शहीद धर्मेन्द्र ऑपरेशन विजय का पहला जिला सोलन का शहीद सपूत था। शहीद की शहादत पर तत्कालीन प्रदेश मुख्यमंत्री प्रेमकुमार धूमल भी शहीद के घर आकर शोकग्रस्त परिवार से मिले थे। तत्पश्चात ग्रामीणों द्वारा शहीद धर्मेन्द्र की याद में गांव में एक आयुर्वेदिक चिकित्सालय खोले जाने की मांग की गई। चिकित्सालय खोले जाने का सर्वे भी हुआ था लेकिन इस पर कोई सकरात्मत पहल नहीं हुई। शहीद धर्मेन्द्र के पिता पूर्व सेनिक नरपत राम ने कहा कि मातृभूमि की रक्षा के लिए जिस सपूत ने अपना बलिदान दे दिया हो उसके नाम का आयुर्वेदिक चिकित्सालय खोले जाने के लिए मात्र सर्वे तो हुवे अभी तक चिकित्सालय नहीं खुल पाया। शहीद धर्मेन्द्र के गांव के लिए करीब वर्ष 1999-2000 में भाट की हट्टी से बुघार-कनैता तक कच्ची सड़क बनाई गई थी जो बाद में कुठाड़ तक बना दी गई। हालाँकि सड़क को पक्का भी किया गया था लेकिन वर्तमान में इस सड़क की हालत काफी खस्ता हो गई है।
इस विषय में जब अधिशाषी अभियंता लोक निर्माण विभाग कसौली से बात की गई तो उन्होंने कहा कि भाट की हट्टी से बुघार-कनैता सड़क में टायरिंग होनी है इसके लिए टेंडर हो चुके हैं।