नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ ने कोरोना को लेकर सरकार को दिए सुझाव

देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर से हड़कंप मचा हुआ है। यह वायरस पहले से और अधिक प्रभावशाली व भयानक रूप ले रहा है। इसी के चलते नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ के राज्य अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर, महासचिव भरत शर्मा, महिला विंग अध्यक्षा सुनेश शर्मा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सौरभ वैद, कोषाध्यक्ष शशि पाल शर्मा संविधान पर्यवेक्षक श्यामलाल गौतम ने सरकार को कुछ सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने एक दिन के वेतन को काटने का फरमान जारी किया है। यदि सरकार को सचमुच जरूरत है तो 1 दिन के वेतन कटने से किसी कर्मचारी को कोई एतराज नहीं हो सकता। नई पेंशन स्कीम कर्मचारी महासंघ ने पिछले वर्ष भी सरकार को एक सुझाव दिया था कि यदि सरकार को कोरोना काल में सचमुच आर्थिक रूप से सहायता की जरूरत है या आर्थिक रूप से सरकार थोड़ा खुद को असहज महसूस कर रही है तो सरकार को नई पेंशन में आने वाले कर्मचारियों का जो पैसा काट कर कंपनी को दिया जाता है वह 10% पैसा तथा सरकार द्वारा दिए जाने वाला 14% पैसा कुल कर्मचारी और सरकार का 24% पैसा जो कंपनी को सरकार की तरफ से जा रहा है वह पैसा सरकार को अपने पास रखना चाहिए, जिससे सरकार के पास लगभग हर महीने 90 करोड़ पैसा बचेगा।
कर्मचारी इसके बदले सिर्फ अपनी सुरक्षा की गारंटी पुरानी पेंशन चाहते हैं। जिससे सरकार को किसी भी तरह का आर्थिक नुकसान नहीं होगा। सरकार चाहे तो कंपनी में दिया अभी तक हिमाचल के कर्मचारियों का 5 हज़ार करोड़ भी वापस ले सकती है और यह पैसा आर्थिक संकट से बाहर निकलने के लिए काफी कारगर साबित हो सकता है। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों का एक-एक दिन का वेतन इस तरह से काटना समझ से परे है जबकि सरकार के पास इतनी बड़ी रकम इस संकट के दौर में खर्च के लिए एक ऑप्शन है। उन्होंने मीडिया के माध्यम से सरकार को यह सुझाव दिया है और साथ ही कहा है कि इस संबंध में पुनः एक लिखित पत्र सरकार को भेजा जाएगा ताकि सरकार इस संबंध में विचार करें। कोरोना काल में व्यर्थ में जो धन सरकार और कर्मचारियों का कंपनी के खाते में जा रहा है वह देश और प्रदेश के हित में प्रयोग में लाया जा सके।