एनएसयूआई ने कोरोना कर्फ्यू में छात्रावासों को बंद करने का किया विरोध

भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (NSUI) ने एचपीयू के हॉस्टल चीफ वार्डन को छात्रावासों को बन्द न किए जाने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। हिमाचल सरकार द्वारा राज्य में कोरोना कर्फ्यू लगाए जाने के चलते प्रशासन द्वारा छात्रावासों में रह रहे छात्रों को हॉस्टल छोड़कर जाने के निर्देश दिए जाने का एनएसयूआई ने विरोध किया है। परिसर अध्यक्ष प्रवीण मिन्हास ने कहा कि जहां एक तरफ़ पूरा देश और प्रदेश कोरोना जैसी महामारी से प्रभावित है और देश के प्रधानमंत्री भी लोगों को जहां है वहां रहने कि अपील कर रहें है, ऐसे में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय इसके विपरीत काम कर रहा है। उन्होंने छात्रों को हॉस्टल खाली करने का तुगलकी फरमान सुना दिया है। जहां प्रदेश विश्वविद्यालय में प्रदेश के कोने-कोने से ही नहीं अपितु प्रदेश के बाहर के छात्र भी प्रदेश विश्वविद्यालय के हॉस्टल में रहते है ऐसे में इस तुगलकी फरमान ने छात्रों को दुविधा में डाल दिया है क्यूंकि इस समय जब कोरोना संक्रमण तेजी से फैल रहा है तो छात्रों का यूनिवर्सिटी से अन्य जिलों व राज्यों में अपने घर की ओर यात्रा करना उनकी जान को जोखिम में डाल सकता है।
प्रदेशाध्यक्ष छत्तर ठाकुर ने कहा कि हॉस्टल में मैस बन्द होने के बावजूद भी एनएसयूआई ने छात्रों के लिए छात्रावास खुले रखने की मांग थी और ऐसे में एनएसयूआई द्वारा इन छात्रों को भोजन की व्यवस्था प्रदान करने की पेशकश भी हॉस्टल प्रशासन से की थी। इस मौके पर एनएसयूआई के प्रदेश संगठन महासचिव मनोज चौहान, प्रदेश उपाध्यक्ष वीनू मेहता, प्रदेश सचिव रजत राणा, परिसर उपाध्यक्ष रजत भारद्वाज, अरविन्द ठाकुर, ललित ठाकुर और सनी कपूर मौजूद रहे।