पीईटी संघ सोलन की कार्यकारिणी का किया गया पुनर्गठन
कुनिहार। शिक्षक(पीईटी) संघ सोलन की विशेष बैठक का आयोजन शिव तांडव गुफा कुनिहार के प्रांगण में किया गया जिसमें सोलन जिला से संबंध रखने वाले प्रशिक्षित बेरोजगार शारीरिक शिक्षक इस विशेष बैठक में सम्मिलित हुए। इस बैठक में सर्वप्रथम प्रशिक्षित बेरोजगार शारीरिक शिक्षक (पीईटी) संघ सोलन की कार्यकारिणी का पुनर्गठन किया गया जिसमें यतेंद्र पाल को संघ का प्रधान, धर्मपाल को उप प्रधान, राजेंद्र कुमार को संघ का सचिव एवं सतवीर सिंह को सह सचिव , देवेंद्र कुमार को कोषाध्यक्ष, धनपाल को सह कोषाध्यक्ष एवं इंदर सिंह को कार्यकारी सदस्य के रूप में चुना गया। इसके अलावा कार्यकारिणी में नरेश कुमार, हीरा दत्त शर्मा, रोशन लाल राकेश कुमार, संतराज, पदम सिंह, रूपलाल, दलजीत सिंह सुरेंद्र सिंह, सुधीर कुमार, पंकज अरुण शर्मा, किरपाराम एवं राजकुमार को भी इस संघ की कार्यकारिणी के सदस्य के रुप में सम्मिलित किया गया।
इस विशेष बैठक के आयोजन के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए संघ के नवनियुक्त प्रधान यतेंद्र पाल ने बताया की इस बैठक में इसके अलावा संघ की भावी रणनीति पर सदस्यों के साथ गहन विचार विमर्श किया गया। उन्होंने बताया कि संघ के सदस्यों ने पहले भी विधायक दून निर्वाचन क्षेत्र परमजीत सिंह पम्मी के माध्यम से भी सरकार को अपने संघ की मांगों का ज्ञापन पत्र सौपा था। इसके अलावा स्वास्थ्य एवं आयुर्वेदिक मंत्री डॉ राजीव सहजल को भी अपनी मांगों का ज्ञापन पत्र पिछले महीने सौंपा था। परंतु उसके बाद हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की कई बैठकें हो चुकी है, परंतु अभी तक भी मंत्रिमंडल में हिमाचल प्रदेश में सरकारी स्कूलों में शारीरिक शिक्षकों( पीईटी) के हजारों रिक्त पदों के बारे में कोई भी सकारात्मक उचित कार्यवाही नहीं की गई है। इस प्रकार प्रदेश सरकार के उपेक्षा पूर्ण रवैया से हिमाचल प्रदेश के समस्त शारीरिक शिक्षक अपने को ठगा सा महसूस कर रहे हैंl हिमाचल प्रदेश में शारीरिक शिक्षा एवं शारीरिक शिक्षकों की निरंतर अवहेलना से संघ के सभी सदस्य अपने को बहुत आहत महसूस कर रहे हैं। सोलन संघ वर्तमान हिमाचल प्रदेश सरकार से रिक्त चल रहे हजारों शारीरिक शिक्षकों (पीईटी) के पदों को शीघ्र अति शीघ्र भरने का पुरजोर आह्वान करता हैं। साथ ही संघ ने यह भी चेताया है कि यदि भविष्य में वर्तमान सरकार ने इस विषय पर कोई भी सकारात्मक या ठोस कार्रवाई नहीं की तो प्रदेश स्तर पर मजबूर होकर के संघ को उग्र आंदोलन करना पड़ेगा।