अर्की : ठाकुर पर टिकी निगाहें, वापसी होगी या नहीं
प्रतिभा सिंह को प्रदेश कांग्रेस की कमान मिलने के साथ ही अर्की निर्वाचन क्षेत्र के सियासी समीकरण भी बदलने के आसार है। उपचुनाव में पार्टी ने सुखविंद्र सिंह सुक्खू के करीबी और 2012 में पार्टी प्रत्याशी रहे संजय अवस्थी को अपना उम्मीदवार बनाया था। इसके बाद होलीलॉज के करीबी रहे राजेंद्र ठाकुर ने अपने समर्थकों सहित पार्टी छोड़ दी थी। हालांकि ठाकुर ने बतौर निर्दलीय चुनाव तो नहीं लड़ा लेकिन पार्टी के लिए काम भी नहीं किया। तब से अब तक ठाकुर कांग्रेस से बाहर है। पर अब प्रतिभा सिंह की ताजपोशी के बाद जानकार मानते है कि राजेंद्र ठाकुर की जल्द पार्टी में वापसी संभव है। हालांकि अब तक खुद ठाकुर इस विषय पर खुलकर नहीं बोल रहे लेकिन होलीलॉज से उनके नजदीकी जगजाहिर है।
एक पक्ष ये भी है कि राजेंद्र ठाकुर आगामी विधानसभा चुनाव में मैदान में उतरना चाहते है। अर्की में फिलवक्त संजय अवस्थी का टिकट कटना मुमकिन नहीं लगता और ऐसे में जाहिर है ठाकुर यदि कांग्रेस में आ भी गए तो भी उन्हें टिकट नहीं मिलेगा। सो ठाकुर किसी अन्य राजनीतिक विकल्प पर विचार कर सकते है या फिर निर्दलीय भी ताल ठोक सकते है। बहरहाल, ठाकुर के अगले कदम पर सबकी निगाहें टिकी है।
भाजपा को कम आंकना ठीक नहीं ....
अर्की उपचुनाव में भाजपा की स्थिति ठीक नहीं थी। पार्टी का एक बड़ा तबका प्रत्याशी के चयन से नाखुश था और ये नाराजगी जमीनी स्तर पर साफ दिख रही थी। इस पर ये स्व. वीरभद्र सिंह का निर्वाचन क्षेत्र है तो सहानुभूति भी खूब दिख रही थी। शुरुआती दौर में तो लग रहा था कि भाजपा की हार का अंतर दस हज़ार के आसपास भी रह सकता है। पर अंतर रहा करीब 3200 का। ऐसे में यदि भाजपा एकजुट होकर चुनाव लड़े तो कांग्रेस की राह आसान नहीं होगी। इसी के चलते राजेंद्र ठाकुर की भूमिका इस चुनाव में अहम् हो सकती है।
